किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले, जैसे कोई नया प्रोजेक्ट, लंबी यात्रा, या फिर अपने दिन की सामान्य शुरुआत करने से पहले, शुभ मुहूर्त जानना ज्योतिष के अनुसार बहुत ही फायदेमंद होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप सही और शुभ समय में अपना काम शुरू करते हैं, तो इससे आपको उस काम में सफलता मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है और आपको फायदा भी अधिक मिलता है। यही कारण है कि जाने-माने ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स आपको 29 मई, गुरुवार का पूरा पंचांग विस्तार से बता रहे हैं। इससे आप अपने पूरे दिन की बेहतर योजना बना पाएंगे और शुभ समय का लाभ उठाकर अपने कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर सकेंगे।
आज का पंचांग 29 मई 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
तृतीया | आर्द्रा | गुरुवार | शूल योग | तैतिल, गर, वणिज |
सूर्य और चंद्रमा का समय 29 मई 2025
प्रहार | समय |
सूर्योदय | सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर |
सूर्यास्त | शाम 7 बजकर 13 मिनट पर |
चंद्रोदय | सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर |
चंद्रास्त | रात 9 बजकर 59 मिनट पर |
शुभ मुहूर्त और योग 29 मई 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 4 बजकर 3 मिनट से सुबह 4 बजकर 44 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक |
अमृत काल मुहूर्त | दोपहर 1 बजकर 24 मिनट से दोपहर 2 बजकर 53 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक |
गोधुली मुहूर्त | शाम 7 बजकर 12 मिनट से शाम 7 बजकर 32 मिनट तक |
नीतिशा मुहूर्त | रात 11 बजकर 58 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट (30 मई) तक |
अशुभ मुहूर्त 29 मई 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक |
गुलिक काल | सुबह 7 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 53 मिनट तक |
पर्व और त्योहार 29 मई 2025
29 मई 2025, गुरुवार के दिन मुख्य रूप से रम्भा तृतीया का व्रत रखा जाएगा। रंभा तृतीया को रंभा तीज के नाम से भी जाना जाता है तो अप्सरा रंभा को समर्पित है।
रम्भा तृतीया का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। अविवाहित लड़कियां भी अच्छे वर की कामना से यह व्रत रख सकती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रम्भा एक अप्सरा थीं जो समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं और अपनी अनुपम सुंदरता और सौभाग्य के लिए जानी जाती हैं।
माना जाता है कि उन्होंने स्वयं यह व्रत किया था। इस दिन महिलाएं देवी रम्भा और भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं। चूड़ियों के जोड़े को रम्भा का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती है। इस व्रत से सौंदर्य, समृद्धि और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी मिलता है।
आज का उपाय 29 मई 2025
आज 29 मई 2025, गुरुवार के दिन ज्योतिषीय उपाय के तौर पर आप कुछ खास चीजें कर सकते हैं। चूंकि आज गुरुवार है, जो भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है, इसलिए पीले रंग का विशेष महत्व है।
आज के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ रहेगा। यदि संभव हो तो भोजन में भी पीली वस्तुओं जैसे बेसन, केला, या दाल का सेवन करें। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलेगा और बृहस्पति कुंडली में मजबूत होंगे।
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image credit: herzindagi
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