आषाढ़ मास का पहला दिन 12 जून 2025 को है यानी कि कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और गुरुवार का दिन। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। इस दिन शुभ योग का निर्माण हो रहा है और फिर इसके बाद शुक्ल योग का आरंभ होगा। आज के दिन जहां एक ओर कई शुभ मुहूर्त हैं तो कई अशुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं। ऐसे में अगर अप कोई नया काम करने की सोच रहे हैं तो पहले एक बार ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा बताय गया आज का पंचांग देख लें और फिर ही किसी नए कार्य को करें, नहीं तो अशुभ मुहूर्त में किये गए काम का शुभ फल नहीं मिलेगा।
आज का पंचांग 12 जून 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
आषाढ़ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा | मूल | गुरुवार | शुभ | कौलव, तैतिल |
सूर्य और चंद्रमा का समय 12 जून 2025
प्रहार | समय |
सूर्योदय | सुबह 05:22 बजे |
सूर्यास्त | शाम 07:19 बजे |
सूर्यास्त | शाम 08:25 बजे (12 जून) |
चंद्रास्त | सुबह 07:03 बजे (13 जून) |
शुभ मुहूर्त और योग 12 जून 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:02 बजे से सुबह 04:42 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:53 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक |
अमृत काल मुहूर्त | दोपहर 03:04 बजे से शाम 04:48 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:41 बजे से दोपहर 03:36 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07:18 बजे से शाम 07:38 बजे तक |
संध्या मुहूर्त | शाम 07:19 बजे से रात 08:20 बजे तक |
संपत्ति खरीदने का मुहूर्त | सुबह 05:23 बजे से 13 जून, सुबह 05:23 बजे तक |
अशुभ मुहूर्त 12 जून 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | दोपहर 02:06 बजे से दोपहर 03:50 बजे तक |
गुलिक काल | सुबह 08:51 बजे से सुबह 10:36 बजे तक |
यमगंड | सुबह 05:23 बजे से सुबह 07:07 बजे तक |
गंडमूल | सुबह 05:23 बजे से रात्रि 09:57 बजे तक |
वर्ज्य | रात्रि 08:14 बजे से रात्रि 09:57 बजे तक |
व्रत और त्योहार 12 जून 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 12 जून 2025 से हो रहा है। इस महीने को भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी माह में भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं जिसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है।
12 जून को कोई बड़ा विशिष्ट त्यौहार नहीं है, लेकिन यह दिन आषाढ़ माह की शुरुआत का प्रतीक है जिसके बाद इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आएंगे जैसे कि संकष्टी गणेश चतुर्थी, योगिनी एकादशी, प्रदोष व्रत और जगन्नाथ रथ यात्रा। यह दिन गुरुवार होने के कारण भगवान विष्णु को समर्पित व्रत रखने का भी शुभ दिन है।
इस दिन गुरु ग्रह अस्त हो रहे हैं जिसके कारण लगभग एक महीने तक विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा।
आज का उपाय 12 जून 2025
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन गुरु ग्रह अस्त हो रहे हैं, जिसका अर्थ है कि उनकी शुभता में कुछ कमी आ सकती है और विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए यह समय शुभ नहीं माना जाएगा। गुरु के अस्त होने पर उनकी शक्तियां क्षीण हो जाती हैं, जिससे इन कार्यों में अपेक्षित शुभ फल नहीं मिलता।
ऐसे में, यदि किसी की कुंडली में गुरु कमजोर हों या वे किसी परेशानी में हों, तो उन्हें गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना, केले के पेड़ की पूजा करना और पीले वस्त्र या पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल, हल्दी, बेसन के लड्डू का दान करना बहुत शुभ रहेगा।
12 जून 2025 को बुध और शुक्र ग्रह की युति से 'लाभ दृष्टि योग' का निर्माण हो रहा है। यह योग कुछ राशियों के लिए आर्थिक लाभ और समृद्धि ला सकता है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बन रहा है या वे इसका लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें व्यापार और धन से संबंधित मामलों में सतर्क रहते हुए नए अवसर तलाशने चाहिए।
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image credit: herzindagi
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