सनातन धर्म में सभी तीद और त्योहारों को शुभ फलदायी माना गया है। वहीं जिस प्रकार जितिया व्रत किया जाता है, ठीक वैसे ही अहोई अष्टमी व्रत भी बच्चों की सलामती के लिए रखा जाता है। अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती के स्वरूप अहोई माता की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
हिंदू पंचांग के अनुसार अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन सभी माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं। उसके बाद चंद्रमा और तारों को देखकर अर्ध्य देने का विधान है।
अब ऐसे में अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती के स्वरूप मां अहोई को किन चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
माता पार्वती को लगाएं दूध भात का भोग
माता पार्वती को दूध भात भोग लगाने का महत्व बहुत गहरा है। दूध और चावल दोनों ही शुद्ध और पवित्र माने जाते हैं। इनका उपयोग पूजा में अक्सर किया जाता है। दूध भात को देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए एक पवित्र भोग माना जाता है। दूध और चावल दोनों ही सफेद रंग के होते हैं। सफेद रंग को शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है। माता पार्वती को सफेद रंग बहुत प्रिय है। माता पार्वती को दूध भात बहुत पसंद है। मान्यता है कि दूध भात चढ़ाने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। माता पार्वती को संतान की देवी भी माना जाता है। संतान की प्राप्ति और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए माता को दूध भात चढ़ाया जाता है। इसलिए अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती को दूध भात का भोग लगाएं।
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माता पार्वती को लगाएं सूजी का हलवा भोग
सूजी का हलवा शुद्ध और पवित्र माना जाता है। सूजी का हलवा सफेद रंग का होता है। सफेद रंग को शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है। अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती को सूजी का हलवा भोग लगाने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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माता पार्वती को लगाएं बताशे का भोग
अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती को बताशे का भोग लगाने से शुभ परिणाम मिलते हैं। साथ ही संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर किसी दंपत्ति को कोई संतान नहीं है, तो अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती के अहोई रूप की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए और उन्हें बताशे का भोग लगाना चाहिए। इससे लाभ हो सकता है।
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Image Credit- HerZindagi
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