पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई सारी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं और इनके कई कारण भी होते हैं। एक तरह से देखा जाए तो हममे से कई महिलाओं के साथ ये चीजें देखने को मिलती है कि अलग-अलग महीनों में उनके पीरियड का रंग, डिस्चार्ज, क्रैम्प्स आदि बदल जाते हैं। पीरियड्स की गति कैसी है, उसके आने का समय कैसा है, आपने इस पीरियड साइकिल में क्या खाया है और कहीं दवाएं ज्यादा होने के कारण तो समस्या नहीं हो गई है ये सब कुछ असर डालता है आपकी सेहत पर।
कई बार पीरियड्स के ब्लड का रंग चमकदार लाल हो सकता है, कई बार भूरा हो सकता है और कुछ मामलों में ये काला भी हो सकता है। लेकिन क्या ये आम बात है और अगर ऐसा है तो क्यों आखिर पीरियड के रंग में इतना बदलाव होता है?
ये जानने के लिए हमने दिल्ली स्थित प्राइम आईवीएफ में डिपार्टमेंट ऑफ इनफर्टिलिटी और आईवीएफ की डायरेक्टर डॉक्टर निशी सिंह से बात की। डॉक्टर निशी का कहना है कि पीरियड्स का रंग हर साइकिल में भी बदल सकता है और ये बहुत कॉमन चीज़ है। पर ऐसा क्यों होता है ये जानकारी भी होनी चाहिए।
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आखिर क्यों बदलता है पीरियड के ब्लड का रंग?
इसका एक कारण खून का ऑक्सिडाइज होना भी होता है। दरअसल, हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा भी ये निर्धारित कर सकती है कि खून का रंग कैसा होगा। हीमोग्लोबिन खून में मौजूद एक आयरन से भरपूर घटक होता है और यही शरीर में ब्लड फ्लो के लिए भी जिम्मेदार माना जा सकता है। अब आयरन जैसे ही हवा और पानी के संपर्क में आता है उसमें ऑक्सिडाइजेशन जैसा प्रोसेस होने लगता है। यही कारण है कि हवा और खासतौर पर ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही आपके ब्लड का रंग बदल जाता है।
आपने अगर नोटिस किया हो तो ऐसा हो सकता है कि आपके पीरियड की शुरुआत और हैवी फ्लो वाले दिनों में पीरियड ब्लड का रंग चमकदार और लाल हो और जैसे-जैसे समय बीतता जाए वैसे-वैसे इसके रंग में बदलाव होता जाए।
इसका कारण ये होता है कि शुरुआती और हैवी फ्लो वाले दिनों में अधिकतर ब्लड तेज़ी से बाहर आता है और इस कारण उसके ऑक्सीडाइज होने की गुंजाइश कम होती है। इसी दौरान आपको वेजाइना से लाल थक्के भी निकलते हुए दिखेंगे।
इन कारणों से भी हो सकता है पीरियड के रंग में बदलाव
पीरियड के रंग में बदलाव के और कई कारण भी हो सकते हैं। इसमें रंग के मायने भी अलग हो सकते हैं और इसका गहरे होने का कारण ये भी हो सकता है कि इसमें पुराना ब्लड मिला हुआ हो जो गर्भाशय में ज्यादा समय के लिए रह गया हो।
गहरे रंग के ब्लड का मतलब ये भी माना जाता है कि किसी तरह का बदलाव पीरियड साइकिल में हुआ है।
पीरियड ब्लड के डार्क होने के वो कारण जो पीरियड्स से ही संबंधित नहीं हैं
ऐसे भी कई कारण होते हैं जो सीधे तौर पर पीरियड से जुड़े नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी पीरियड्स के रंग पर असर डाल सकते हैं जैसे-
मेनोपॉज-
इस दौरान आपको गहरे रंग का खून डिस्चार्ज ही दिखाई देगा। जैसे-जैसे एस्ट्रोजन का स्तर गिरता है और शरीर मेनोपॉज की ओर जाता है वैसे-वैसे यूट्रस लाइनिंग पतली हो सकती है और इसका असर पीरियड के रंग पर पड़ा है। मेनोपॉज के बाद भी आपको गहरे रंग का डिस्चार्ज दिख सकता है।
प्रेग्नेंसी के पहले-
भूरा रंग प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में दिख सकता है। ऐसा कई बार हो सकता है कि आपको थोड़ी-थोड़ी स्पॉटिंग दिती रहे। ये ब्लीडिंग काफी हल्की होती है और कम समय के लिए होती है, लेकिन अगर ये ज्यादा है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। कुछ रिसर्च मानती हैं कि IVF से गर्भधारण करने वाली 40% महिलाओं को गर्भधारण के पहले तीन महीने में इस तरह की स्पॉटिंग होती ही है।
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प्रेग्नेंसी के बाद-
बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और साथ ही साथ कई दिनों का ब्लड फ्लो भी होता है। इसलिए ये भूरा दिखाई दे सकता है।
दवाओं का असर-
कई बार कुछ तरह की दवाओं के खाने से भी पीरियड के ब्लड के रंग पर असर होता है।
काले रंग का ब्लड आ रहा है तो?
कई बार ऐसा हो सकता है कि ब्लड का रंग काला दिखाई देता है। इसके कई मायने हो सकते हैं और हर बार इसे गलत नहीं माना जाता। ऐसा आपके शरीर में पुराने ब्लड के जमा होने के कारण भी हो सकता है। अधिकतर पीरियड की शुरुआत और अंत में इस तरह की समस्या हो सकती है।
पीरियड के रंग का हल्का हो जाना
पीरियड के रंग का हल्का हो जाना भी एक तरह का अलग लक्षण है। ऐसा तब होता है जब या तो आपकी वेजाइना में किसी तरह का इन्फेक्शन हो गया हो या फिर आपके पीरियड ब्लड के साथ वेजाइनल फ्लूइड्स भी मिक्स हो रहे हैं। पीरियड ब्लड ऐसे में पिंक, ग्रे, ऑरेंज जैसा दिख सकता है।
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कब दिखाना चाहिए डॉक्टर को?
पीरियड ब्लड के रंग में थोड़ा बदलाव नॉर्मल है, लेकिन कई मामलों में ये बहुत असर दिखा सकता है। पर आपको कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
- अगर बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है
- अगर एंग्जाइटी हो रही है
- अगर लगातार कई महीनों तक पीरियड का रंग बदल रहा है
- पीरियड बहुत इररेगुलर हो गए हैं
- ऐंठन के साथ खुजली आदि की समस्या हो रही है
- यूरिन पास करते समय जलन और तेज़ गंध आ रही है
- अगर झिल्ली जैसा कुछ दिखाई देता है
अगर आपको लगता है कि आपकी समस्या बढ़ रही है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह लेना बहुत अच्छा साबित हो सकता है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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