अपनी पसंद का जीवनसाथी पाना हर किसी की चाहत होती है, मेरा भी यही सपना था। अपनी शादी के जैसे हर लड़की ढेरों ख्वाब बुनती है, मैंने भी बुने थे। मगर ऐसा तो केवल फेरी टेल्स में होता है कि जो सपना आपने जैसा देखा हो वैसा ही पूरा हो जाए।
हालांकि, मैंने अपनी शादी को लेकर जो सपना देखा था, मेरी शादी उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत थी और इसे खूबसूरत बनाया था मेरे अपनों ने। आज भी जब मैं अपनी शादी के बारे सोचती हूं, तो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है।
कब और कैसे हुई थी शादी?
पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं जयपुर के एक बेहद लोकप्रिय कॉलेज में प्रोफेसर थी। इसी शहर में मेरी मुलाकात डॉक्टर अभिलक्ष्य से हुई थी पहले हमारी दोस्ती हुई और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई। हमने 15 दिसंबर 2018 में पंजाब के जालंधर में शादी की थी। शादी से पहले ही हमने तय किया था कि हम एक बजट शादी (कम बजट में शानदार शादी ) करेंगे। ऐसा नहीं था कि हम पैसे खर्च नहीं कर सकते थे, मगर हम केवल खुशियों की तलाश में थे जो हमें थोड़े पैसे खर्च करने के बाद भी मिल गई।
मेरी लाइफ में फैमिली और मेरे फ्रेंड्स सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। इसलिए अपनी खुशी में मैंने केवल उन्हीं को शामिल किया था। बस मेरी शादी को बजट वेडिंग बनाने की शुरुआत यहीं से हुई थी। हालांकि, मैंने और भी कई बातों का ध्यान रखा था, जिससे मेरे सारे खर्च बजट में ही हुए थे।
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बजट शादी के लिए टिप्स
- अपनी शादी को बजट में कैसे रखना है और किन चीजों को शामिल करना आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, यह तो केवल आपको ही पता होगा। तो बहुत जरूरी है कि शादी का बजट बनाते वक्त वो सारी जरूरी चीजों को ध्यान में रखते हुए आप तय करें कि आपको शादी कैसे करनी है। चलिए मैं आपको बताती हूं कि अपनी शादी में मैंने क्या किया था-
- मेरी जॉब में मुझे ट्रैवल बहुत करना पड़ता था। इसलिए कॉलेज की तरफ से मैं जहां जाती थी, वहां से शादी की शॉपिंग करती थी। मैं शादी से पहले कोलकाता, केरल, बैंगलोर, पुणे, दिल्ली आदि काम से गई थी, तो जहां कि जो चीज फेमस थी मैंने वहां से वो चीज खरीद ली। सबसे ज्यादा शॉपिंग जयपुर, दिल्ली की चांदनी चौक मार्केट और जालंधर से की थी।
- मैनें कपड़ों में ज्यादा पैसे बर्बाद ही नहीं किए थे। केवल वही कपड़े खरीदे थे, जो मैं पार्टी के साथ-साथ नॉर्मली भी पहन सकूं। इसलिए कपड़ों में ज्यादा पैसे वेस्ट न करें क्योंकि फैशन बदलता रहता है और जो महंगे कपड़े आपने खरीदे होते हैं, वे सारे एक बार पहनने के बाद धरे के धरे रह जाते हैं।

- इसके साथ ही मैंने और मेरे हसबैंड ने खर्चों को डिवाइड कर लिया था। लड़के वालों के साइड से एक कुक लगाया गया था उसी ने पूरी शादी भर खाना बनाया था।
- हमने डेकोरेशन वाला भी एक ही रखा था। अगर आप दो की जगह एक ही बंदे को एक काम के लिए बुक करते हैं तो पैसे की बहुत सारी सेविंग हो सकती है।
- दोनों तरफ से एक ही जगह बुक की गई थी, जहां थोड़े से रिश्तेदार और दोस्तों को ठहराया गया था और शादी की सारी रस्में भी वहीं से हुई थीं।
- मेकअप के लिए भी हमने एक ही आर्टिस्ट को बुक किया था। मैं पहले से भी उन्हें जानती थी तो यहां भी मेरे पैसे कम ही लगे थे।
- हमने इस बात का भी ध्यान रखा था कि शादी की सारी रस्में निभाई जाएं, मगर दकियानूसी रस्मों को हमने अपनी शादी से दरकिनार कर दिया था। शादी में आए गेस्ट को खुश करने के लिए हमने कोई एक्सपेंसिव गिफ्ट्स नहीं दिए, बस जो हम अपने समर्थ और दिल से उनके लिए कर पाए वहीं किया।
मुझे लगता है कि शादी में उन लोगों को बुलाकर, जो केवल आपकी शादी में खराबी ही निकालें उन्हें बुलाने का कोई फायदे नहीं है। इसलिए मेरी शादी में बहुत कम लोग ही आए थे और हमने सारी तैयारी केवल उनके हिसाब से ही की थी।
अगर आपको भी मेरे द्वारा बजट वेडिंग के लिए दी गई टिप्स पसंद आई हों, तो अपनी शादी में इन टिप्स को जरूर आजमा कर देखिएगा।
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