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Patent: क्या है पेटेंट कानून? जानें कैसे उठा सकते हैं इसका फायदा

पेटेंट एक कानूनी अधिकार है, जिसके मिलने के बाद व्यक्ति की आधिकारिक चीज को कोई नकल नहीं उतार सकता है। ऐसे में इस अधिकार के बारे में सब कुछ जानना जरूरी है। 
Editorial
Updated:- 2025-09-12, 21:53 IST

जब हमारे द्वारा कोई खोज होती है या कोई नया प्रोडक्ट बनता है तो उस पर केवल हमारा हक होता है। लेकिन क्या केवल कह देने से ही वह चीज हमारी हो जाती है? जी नहीं, उस चीज को अपना बनाने के लिए एक कानूनी अधिकार है, जिसका नाम है पेटेंट। जब किसी व्यक्ति या संस्थान को किसी विशेष उत्पाद, खोज, डिजाइन, प्रक्रिया या सेवा के ऊपर अपना अधिकार चाहिए होता है, तब ये पेटेंट कानूनी अधिकार दिया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि पेटेंट किसे कहते हैं और इस अधिकार को कैसे प्राप्त किया जा सकता है। आज का हमारा लेख इसी विशेष विषय पर है। हम पेटेंट के बारे में इस लेख में सब कुछ जानेंगे।

किसे कहते हैं पेटेंट?

बता दें कि जब कोई व्यक्ति या संस्थान द्वारा कोई नई सेवा बनाई जाती है या कोई टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट या कोई डिजाइन उनके द्वारा बनाया जाता है तो उन्हें एक अधिकार दिया जाता है। जब यह अधिकार मिलता है तो कोई अन्य व्यक्ति उसकी नकल नहीं कर सकता।

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यदि कोई अन्य व्यक्ति उस जैसा प्रोडक्ट, प्रक्रिया या अन्य चीज बनाता है तो वो गैरकानूनी कहलाएगा। ऐसे में पेटेंट धारक उसकी शिकायत कर सकता है और सामने वाला व्यक्ति मुश्किल में आ सकता है। इससे अलग यदि कोई व्यक्ति नकल करना चाहता भी है या उस उत्पादन को बनाना चाहता है तो सबसे पहले पेटेंट धारक व्यक्ति या संस्थान से अनुमति लेनी होगी और साथ ही रॉयल्टी भी देनी होगी। विश्व व्यापार संगठन ने पेटेंट की अवधि को 20 वर्ष कर दिया है हालांकि अलग-अलग देश में अलग-अलग पेटेंट लागू रहने की अवधि निश्चित है।

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कितने प्रकार के होते हैं पेटेंट?

  • पेटेंट दो प्रकार के होते हैं। उत्पाद पेटेंट और प्रक्रिया पेटेंट।

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  • उत्पाद पेटेंट में कोई व्यक्ति या संस्थान उसे उत्पादन का नकल नहीं बना सकता। इससे अलग डिजाइनिंग भी एक जैसी नहीं होनी चाहिए। रंग, आकार, स्वाद सब कुछ अलग होना चाहिए।
  • प्रक्रिया पेटेंट में नई टेक्नोलॉजी पर भी पेटेंट लिया जाता है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति या संस्थान प्रक्रिया तकनीक से उस उत्पाद को नहीं बना सकता, जिस प्रक्रिया से पेटेंट धारक ने बनाया है।

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कैसे मिलता है यह अधिकार?

बता दें कि सबसे पहले व्यक्ति या संस्थान को पेटेंट कार्यालय में अर्जी देनी होती है। साथ ही नई खोज या उत्पादन के बारे में जानकारी देनी होती है। फिर कार्यालय उसकी जांच करेगा।

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फिर पेटेंट का आदेश जारी करेगा। पेटेंट सिर्फ उसी देश में लागू किया जा सकता है, जहां पर उसका पेटेंट करवाया गया है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई पेटेंट भारत में लागू किया गया है तो अमेरिका या किसी अन्य देश में लागू नहीं होगा यानी भारत के प्रोडक्ट की अन्य देश में नकल की जा सकती है।

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