कभी-कभी हमें ऐसी हैरान कर देने वाली खबरें सुनने को मिलती हैं जैसे-किसी उड़ती हुई फ्लाइट में बच्चे का जन्म होना। ये घटनाएं सुनने में जितनी रोमांचक लगती हैं, असल में उतनी ही कठिन भी होती हैं। खासतौर पर, उस बच्चे की नागरिकता (citizenship) को लेकर कई सवाल खड़े हो जाते हैं।
हालांकि, ऐसी घटनाएं बहुत कम होती हैं, क्योंकि अधिकतर एयरलाइंस गर्भवती महिलाओं को 28 या 36 हफ्तों के बाद ट्रैवल की अनुमति नहीं देतीं। कुछ कंपनियां मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ यात्रा करने भी देती हैं, लेकिन फ्लाइट में डिलीवरी का चांस बहुत कम होता है।
अगर किसी बच्चे का जन्म फ्लाइट में हो जाए, तो उसकी नागरिकता कई बातों पर निर्भर करती है। जैसे- प्लेन उस समय कहां था, प्लेन किस देश में रजिस्टर्ड है और माता-पिता किस देश के नागरिक हैं।
इसे भी पढ़ें- ट्रेन-बस में मुफ्त सफर, लेकिन फ्लाइट में छोटे बच्चों की क्यों लगती है टिकट? जान लें असली कारण
जूस सोली (Jus Soli) यानी जन्म की जगह के आधार पर नागरिकता। अगर किसी देश में ये नियम लागू होता है, तो बच्चे को उसी देश की नागरिकता मिल जाती है, जहां उसका जन्म हुआ है। भले ही माता-पिता किसी और देश के हों।
जूस सैंगुइनिस (Jus Sanguinis) यानी माता-पिता की नागरिकता के आधार पर सिटीजनशिप। इस नियम के तहत नागरिकता माता-पिता के देश के आधार पर दी जाती है। बच्चे का जन्म कहीं पर ही हुआ हो, लेकिन पैरेंट्स की नागरिकता के आधार पर उसको नागरिकता मिलेगी।
अगर बच्चा किसी देश की एयरस्पेस में जन्म लेता है, तो वह देश अपने कानूनों के आधार पर नागरिकता दे सकता है। जैसे- अमेरिका अपने हवाई क्षेत्र में जन्मे बच्चे को अमेरिकी नागरिकता देता है।
यह विडियो भी देखें
अगर बच्चा ऐसे क्षेत्र में जन्म लेता है, जो किसी देश की सीमा में नहीं आता (जैसे समुद्र या खुले आकाश में), तो नागरिकता तय करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस सिचुएशन में आमतौर पर देखा जाता है कि फ्लाइट किस देश में रजिस्टर्ड है।
कई देश बच्चों को माता-पिता की नागरिकता के आधार पर नागरिकता देते हैं, चाहे जन्म कहीं भी हो। अगर कनाडियन कपल के फ्लाइट में बच्चा होता है, तो उस बच्चे को कनाडा की नागरिकता मिल जाती है, भले ही फ्लाइट किसी और देश के ऊपर से गुजर रही हो।
इसे भी पढ़ें- फ्लाइट बुक करते समय इन बातों का रखा ध्यान, तो सस्ते में मिल जाएगी टिकट
जब किसी बच्चे का जन्म फ्लाइट में होता है, तो उसका बर्थ प्लेस रिकॉर्ड करना थोड़ा अलग होता है। अमेरिका का विदेश विभाग ऐसे मामलों में बच्चे के पासपोर्ट या बर्थ सर्टिफिकेट में In the Air (हवा में) या At Sea (समुद्र में) जैसी जगहें दर्ज करता है।
अधिकतर एयरलाइंस 28 हफ्तों के बाद गर्भवती महिलाओं को फ्लाइट में जाने की इजाजत नहीं देती हैं। कुछ एयरलाइंस मेडिकल क्लीयरेंस के बाद अगर देती भी हैं, तो सारे इंतजाम करके रखती हैं। इमरजेंसी में केबिन क्रू को ऐसे आपात हालात से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है और फ्लाइट में बेसिक मेडिकल डिवाइस भी होती हैं।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image credit - canva
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।