Pan Am Flight 103 Story: लंदन से 259 यात्रियों से भरी फ्लाइट को उड़ान भरे 1 घंटे भी नहीं हुए थे, विमान 30,000 फीट की ऊंचाई पर था तभी…

विमान को उड़े हुए लगभग 40 मिनट हुए थे, लेकिन प्लेन में कोई था, जो एक बड़ी साजिश रच रहा था। क्रू मेंबर्स से लेकर विमान में बैठे सभी यात्रियों को उम्मीद भी नहीं थी कि यह सफर उनके लिए आखिरी होगा।
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21 दिसंबर 1989 का वो दिन जब एक बड़ी साजिश रची गई थी। एक ऐसी साजिश जिसमें 243 यात्रियों और 16 क्रू मेंबर्स की जान दांव पर थी। फ्लाइट नंबर Pan Am 103, जिसे लंदन से उड़ान भरकर न्यूयॉर्क होते हुए डेट्रॉइट जाना था। फ्लाइट के भीतर हर उम्र के मुसाफिर मौजूद थे, किसी को परिवार से मिलना था, किसी को छुट्टियां मनानी थीं। क्रिसमस में सिर्फ 4 दिन बचे थे, न्यू ईयर बस 9 दिन दूर था।हर मुसाफिर ने सीट बेल्ट बांध ली थी, और उड़ान भरने का इंतजार कर रहा था। फ्लाइट के अंदर रौनक थी, उम्मीदें थीं और सफर की खुशी थी। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि ये सफर मंजिल तक नहीं पहुंचेगा। फ्लाइट ने उड़ान भर ली थी, लेकिन अचानक आसमान में कुछ हुआ। आसमान में विमान के साथ होने वाले इस हादसे ने हर किसी का दिल झकझोर कर रख दिया था।

पैन एम 103 फ्लाइट के साथ आसमान में क्या हुआ?

  • असल में इस फ्लाइट में आतंकवादी हमले की साजिश रची गई थी। यह प्लेन लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से रवाना हुई थी। fbi.gov की वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के अनुसार इसमें लगभग 190 अमेरिकी नागरिक थे। फ्लाइट को उड़े हुए लगभग 40 मिनट ही हुए थे, तभी इसमें जोर धार धमाका हुआ। धमाका इतना ज्यादा तेज था कि किसी भी यात्री का बचना मुश्किल था। ऐसा लग रहा था, जैसे प्लेन को बम से उड़ाने का प्लान आतंकवादियों ने बड़ी शिद्दत के साथ किया था। क्योंकि, इस हादसे में केवल प्लेन में सवार यात्री ही नहीं, बल्कि जमीन पर चल रहे आम नागरिकों की भी मौत हुई थी।
  • जिस समय फ्लाइट में धमाका हुआ, उस समय फ्लाइट लगभग 30 हजार फीट की ऊंचाई पर था। धमाका होते ही, फ्लाइट का मलबी जमीन पर लगभग 845 वर्ग मील में फैल गया। यह हादसा स्कॉटलैंड के लॉकरबी शहर के पास हुआ था। नीचे आम लोग अपनी रोज की जिंदगी में व्यस्त थे। उन्हें क्या पता था कि आसमान से मौत बरसने वाली है। इस विस्फोट में ट्रेन में सवार सभी यात्रियों की तो मौत हुई, साथ में जहां-जहां प्लेन का मलबा गिरा, उससे 11 स्कॉटिश नागरिक की भी मौत हो गई।
  • अब यह एक सबसे बड़ा क्राइम सीन बन चुका था। क्योंकि, किसी को भी इस हादसे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। क्योंकि, ऊंचाई से मलबा गिरने की वजह से हादसे के कारण का पता लगाना जांचकर्ताओं के लिए मुश्किल हो गया था। हादसे के बाद लगभग 5000 से अधिक कर्मचारियों से इसके बारे में सवाल किया गया। एसबीआई और स्कॉटलैंड के जांचकर्ता की मदद से पहले 319 टन मलबा और हजारों सबूतों के टुकड़े को इकट्ठा किया गया। जांचकर्ताओं यह पता लगाना चाहते थे कि आखिर प्लेन में बम पहुंचा कैसे। पूछताछ लगभग 16 देशों के 10000 लोगों से की गई, लेकिन कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था।
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फ्लाइट में कैसे पहुंचा था बम?

अधिकारियों ने काफी जांच के बाद एक सुराग हाथ लगा। पता चला की बम किसी बैग या सामान में नहीं बल्कि एक छोटे से रेडियो में छिपाकर ले जाया गया था। जांचकर्ताओं को एक छोटा सा टुकड़ा मिला, जिससे यह पता चला कि बम को कोई रेडियों में लगाकर लेकर गया होगा। ऐसा ही एक टुकड़ा जांचकर्ताओं को एक शर्ट के कपड़े में भी फंसा हुआ मिला था। इन चीजों से टाइमर की पहचान करना आसान हो पाया।

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कौन था विस्फोट करने वाला आरोपी?

अभी तक जांचकर्ताओं द्वारा आरोपियों को खोजा नहीं गया था। जैसे-तैसे सबूतों को जोड़ते हुए उत्तरी अफ्रीका में स्थित लीबिया देश में आरोपियों का पता चला। लीबियन सीक्रेट सर्विस के दो एजेंटों को इसमें शामिल पाया गया। अब्देल बासेट अली अल-मेगराही (Abdel Basset Ali al-Megrahi) और लैमेन खलीफा फहीमा (Lamen Khalifa Fhimah) इस मामले में आरोपी माने गए थे। लेकिन जब लीबिया को इन्हें कोर्ट में पेश करने के लिए कहा गया, तो देश दोनों आरोपियों को कोर्ट में लाने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर अमेरिका और UN (United Nations) ने उनपर कड़े प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। इसके बाद लीबिया ने दोनों आरोपियों को पेश करने की हामी भरी।

लीबियाई सरकार की तरफ से वैसे तो इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की गई थी। लेकिन फिर भी पीड़ितों के परिवारों को 3 अरब डॉलर का मुआवजा देने पर सहमति जताई थी। दोनों का मामला साल 2000 में स्कॉटिश की अदालत में चला। लेकिन इनमें से एक लैमेन खलीफा फहीमा को कोर्ट ने बरी कर दिया। इसमें से दूसरे माने गए आरोपी अल मेगरा को प्लेन विस्फोट के मामले में उम्रकैद की सजा मिली। फिर भी कुछ सालों बाद उसे रिहा कर दिया गया।

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आरोपी को कोर्ट ने क्यों किया जेल से रिहा?

रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2009 में उसे कैंसर की वजह से कोर्ट ने रिहा कर दिया था। क्योंकि, वह मौत के निकट था। जेल से रिहा होने के बाद वह लगभग 3 साल तक जिंदा रहा था। साल 2012 में उसकी मौत हो गई। फ्लाइट हादसाकी इस खबर से पूरा देश दहशत में आ गया था। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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image credit- freepik

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