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Sheetala Ashtami Puja Vidhi 2024: इस विधि से करें बसोड़ा की पूजा, जानें संपूर्ण सामग्री लिस्ट

Sheetala Ashtami Puja Vidhi & Samagri 2024: हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी का बहुत माना जाता है। होली से ठीक आठ दिन बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है।  
Editorial
Updated:- 2024-04-01, 15:22 IST

Basoda Sheetala Ashtami 2024 Ki Puja Vidhi: हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी का बहुत माना जाता है। होली से ठीक आठ दिन बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा का विधान है। शीतला अष्टमी की पूजा एवं व्रत माताएं अपने बच्चों को लिए रखती हैं। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि क्या है बसोड़ायानी कि शीतला अष्टमी की पूजा विधि और पूजा सामग्री। 

शीतला अष्टमी बसोड़ा की पूजा सामग्री (Sheetala Ashtami Puja Samagri)

basoda  puja vidhi

बसोड़ा यानी कि शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा सामग्री में रोली, कुमकुम, मेहंदी, हल्दी, अक्षत, मौली, वस्त्र, दक्षिणा, फूल, दही, ठंडा दूध, होली के बड़कुले, जल से भरा कलश, घी, आटे का दीपक, व्रत कथा की पुस्तक आदि रखें। 

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इसके अलावा, व्रत की एक रात पहले  बनाया जाने वाला प्रसाद जिसमें मीठा भात (ओलिया), चूरमा, मगद, खाजा, नमक पारे, शक्कर पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी,राबड़ी, बाजरे की रोटी, पूड़ी, कंडवारे, चने की दाल शामिल है, उसे भी रखें। 

शीतला अष्टमी बसोड़ा की पूजा विधि (Sheetala Ashtami Puja Vidhi 2024)

basoda  puja samagri

शीतला अष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें। इसके बाद माता शीतला का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। फिर एक थाली लें और उसमें एक दिन पहले बनाए गए पकवान रखें।

इसके अलावा, एक थाली पूजा के लिए और लें जिसमें आटे का दीपक, रोली, हल्दी, अक्षत, वस्त्र, बड़कुले की माला, मेहंदी, सिक्के आदि सब रख लें। इसके बाद शीतला माता की पूजा शुरू करें। 

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माता शीतला के समक्ष दीपक जलाएं। इसके बाद उन्हें जल अर्पित करें। थोड़ा सा जल बचाकर घर में उसे छिड़कें। मां शीतला को सभी चीजें अर्पित करें और परिवार के साथ उनकी आरती गाएं।

माता शीतला की पूजा के बाद गाय को भोजन अवश्य कराएं। शीतला अष्टमी के दिन गौ सेवा का भी विशेष विधान है। इस दिन गौ को भोजन कराने से घर में सुख-समृद्धि, संपन्नता का वास होता है।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर किस विधि से करें बसोड़ा या शीतला अष्टमी की पूजा और क्या है उसकी पूजा सामग्री। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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