Kajari teej Puja vidhi and samagri list ()

Kajari Teej Puja Vidhi 2025: कजरी तीज के दिन इस विधि से करें पूजा, जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट

Kajari Teej Puja Vidhi 2025: कजरी तीज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य की कामना और कुंवारी कन्याओं के लिए मनचाहा वर पाने की कामना से जुड़ा हुआ है। 
Editorial
Updated:- 2025-08-11, 13:09 IST

सनातन धर्म में कजरी तीज का व्रत अत्यंत शुभ और पावन माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। खासकर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और पारिवारिक कल्याण के लिए यह व्रत रखती हैं। वहीं, संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाएं भी श्रद्धा से कजरी तीज का व्रत करती हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वीकार किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। इसी वजह से यह व्रत अत्यंत फलदायक और मंगलकारी माना जाता है।

अब बात करें पूजन विधि और सामग्री की, तो इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भस्म और फल अर्पित किए जाते हैं। माता पार्वती को सिंदूर, सुहाग की सामग्री, वस्त्र, फूल आदि अर्पित कर उनका पूजन किया जाता है। पूजा के बाद व्रत कथा सुनना और आरती करना आवश्यक होता है।

कजरी तीज पूजा सामग्री (Kajari Teej Puja Samagri List 2025)

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  • कजरी तीज के दिन पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जान लें।
  • जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत, भांग, धतूरा, पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र आदि।

कजरी तीज पूजा विधि (Kajari Teej Puja Vidhi 2025)

  • सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • माता पार्वती से सुखी वैवाहिक जीवन और परिवार की कामना करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • एक थाली में कलश स्थापित करें। कलश को आम के पत्तों और फूलों से सजाएं। थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दीपक, धूप, फल, मिठाई आदि रखें।
  • भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें और धूप-दीप जलाएं।
  • भगवान शिव और माता पार्वती को पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती  के मंत्रों का जाप करें।
  • उसके बाद नियमित रूप से कथा सुनें।
  • शाम को चंद्रमा को अर्घ्य विधिवत रूप से दें।
  • अगले दिन सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का पारण करें।

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कजरी तीज व्रत का महत्व क्या है?

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कजरी तीज का व्रत अखंड भाग्यशाली माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं। जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति में समस्या होती है, वे भी यह व्रत रखती हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ
कजरी तीज कब मनाई जाती है?
कजरी तीज भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह हरियाली तीज के बाद तीसरी तीज होती है।
कजरी तीज का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस व्रत का उद्देश्य पति की लंबी उम्र, सुखमय वैवाहिक जीवन और संतान सुख की प्राप्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करना है।
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