भगवान गणेश का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा है। हर पूजा से पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है। अगर किसी को तोह्फा देने की बात हो तो भी गणेश की मूर्ति आम तौर पर दी जाती है। चाहें कोई मुंडन हो, शादी-ब्याह या फिर गृहप्रवेश में गणेश की मूर्ति गिफ्ट करना सबसे आसान माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश की मूर्ति किसी को तोह्फे में देने के भी कई नियम हैं। शास्त्र और पुराण गणपति को शुभ तो मानते हैं, लेकिन हर देव मूर्ति की तरह उनकी मूर्ति तोह्फे में देने के कुछ खास नियम हैं।
शास्त्रों के अनुसार गणेश की दृष्टि सबसे ज्यादा शुभ होती है और उनकी पीठ के पीछे निगेटिव किरणें रहती हैं। कुछ लोग अपने घर के दरवाजे पर गणेश की मूर्ति लगाते हैं जो वास्तु के अनुसार गलत है। इससे गणेश भगवान की अच्छी दृष्टि तो सामने वाले घरों में चली जाती है। इसी तरह लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति से जुड़े कुछ नियम भी हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।
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1. गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति तोह्फे में देना:
गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति को बहुत शुभ माना जाता है और ऐसा है भी। गणपति और लक्ष्मी की मूर्ति बहुत शुभ है अगर आप अपने लिए खरीद रहे हों तो, लेकिन अगर आप किसी और को देने के लिए खरीद रहे हैं तो ये ऐसा है कि आप अपनी सुख और समृद्धि, धन और लक्ष्मी किसी और को दे रहे हैं। उज्जैन के एक नामी पंडित के अनुसार ये देवी लक्ष्मी को रुष्ठ कर देता है।
2. जिसे दे रहे हैं वो इसकी कद्र करेगा या नहीं:
यहां भी वास्तु शास्त्र का नियम लागू होता है कि जो भगवान की मूर्ति का सही से इस्तेमाल करे उसे ही दें। किसी को गणेश की मूर्ति दी है और वो धूल में रखी हुई है तो ये उल्टा असर कर सकती है। उसकी देखभाग करना जरूरी है।
3. सफेद गणेश:
अगर गणेश की मूर्ति दे रहे हैं तो ये भी ध्यान रखें कि कौन सी मूर्ति किसे दे रहे हैं। इसमें रंग का विशेष महत्व है। जैसे सफेद गणेश शांति और समृद्धि का प्रतीक होते हैं और मन की साफ भावना को दर्शाते हैं। ऐसे गणेश उन्हें देना शुभ होगा जिनके घर में किसी तरह की कोई परेशानी चल रही है। यही नियम घर में मूर्ति की स्थापना का भी है।
4. सिंदूरी गणेश:
जिस तरह से सिद्धी विनायक में है सिंदूरी गणेश की मूर्ति विकास के लिए जरूरी होती है। जिन लोगों को तरक्की चाहिए उनके लिए ये गणेश की मूर्ति गिफ्ट की जा सकती है। यही नियम मूर्ति घर में लाने का भी है। इसे मानव की आध्यात्मिक तरक्की से जोड़ा जाता है।
5. सूंड किस तरफ है इससे भी पड़ता है फर्क:
अगर गणेश जी की सूंड बाईं ओर है तो उसे घर में रखा जा सकता है साथ ही अगर किसी को तोह्फे में देना है तो भी इसी तरह बाईं सूंड वाले गणपति दें। अगर गणपति की सूंड दाईं ओर है तो वो मंदिर में रखने के लिए शुभ होता है। दाईं सूंड वाली मूर्ति के कई नियम होते हैं और उन्हें सूर्य से बल मिलता है। ऐसे में उनका क्रोध घर की शांति पर असर डाल सकता है। दाईं सूंड वाले गणेश मंदिर में भी आसानी से नहीं मिलते।
अगर घर में रखने हों गणेश भगवान तो?
1. कहां रखनी है मूर्ति?
गणेश की मूर्ति ऐसी किसी भी जगह न रखें कि कमरे में या घर में उनकी पीठ दिखे। इसी के साथ, घर के ईशान कोण में ये मूर्ति रखना वास्तु के हिसाब से सबसे बेस्ट हो सकता है। इसके अलावा, घर का उत्तर पूर्व में गणेश पॉजिटिव एनर्जी देते हैं। मूर्ति ऐसी जगह न रखें जहां पास में बाथरूम हो नहीं तो बाथरूम से जुड़े सभी वास्तु दोष लग जाएंगे।
2. ऑफिस के लिए खड़े हुए गणेश की मूर्ति...
अगर काम की जगह के लिए गणेश की मूर्ति लेनी है तो खड़े हुए गणेश सबसे बेहतर होंगे। ये ऊर्जा और स्फूर्ति का कारक बनेंगे।
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3. छोटी बातों का रखें ध्यान..
गणेश की मूर्ति रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनके हाथ में मोदक और साथ में चूहा हो ऐसी वाली मूर्ति लें। चूहा समाज की भौतिक इच्छा का प्रतीक है और मिठाई मन के विचलित होने की। ऐसे में ये दोनों ही इंसान के संयम को दिखाते हैं कि मिठाई और चूहा उसी जगह हैं जहां होने चाहिएं।
4. एक से ज्यादा न रखें...
जरूरत से ज्यादा मूर्तियां इकट्ठा न करें। हिंदू धर्म में मूर्तियां पूजी जाती हैं और ऐसे में एक से ज्यादा पर अगर ध्यान न जाए तो उसका गलत असर पड़ सकता है।