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Holashtak 2023: कब से लग रहा है होलाष्टक, शादी सहित किन कामों की होती है मनाही

हिंदू धर्म में होली के पहले के आठ दिनों का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान यदि आप कुछ विशेष बातों का ध्यान रखते हैं और कुछ कामों को करने से बचते हैं तो घर में समृद्धि बनी रहती है।   
Editorial
Updated:- 2023-01-31, 15:24 IST

होली का त्यौहार मुख्य रूप से रंगों का त्यौहार माना जाता है जो विभिन्न संस्कृतियों को करीब लाता है। चंद्र मास के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को तिथि को होलिका दहन किया जाता है और इस पर्व को होली के रूप में मनाया जाता है।

इस पर्व के कुछ दिन पहले से ही होलाष्टक लग जाता है जो होली पर्व का संकेत होता है। होलाष्टक शब्द होला और अष्टक शब्दों को मिलाकर बनता है जिसका अर्थ होली के आठ दिन पहले का समय होता है।

इस अवधि को हिंदू धर्म में इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान कुछ विशेष काम करने और कुछ काम न करने की सलाह दी जाती है। दरअसल होली का पूरा उत्सव ही होलाष्टक से आरंभ हो जाता है और रंग और गुलाल के साथ धुलेंडी के दिन से इस पर्व का समापन हो जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया सेजानें इस साल कब से लग रहा है होलाष्टक और इस अवधि के दौरान आपको कौन से काम नहीं करने की सलाह दी जाती है।

होलाष्टक 2023 कब से शुरू हो रहा है

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होली के लगभग 8 दिन पहले से होलाष्टक का आरम्भ हो जाता है और इसका समापन होलिका दहन के साथ होता है। इस साल होलाष्टक 28 फरवरी, मंगलवार को शुरू होगा और यह 7 मार्च, मंगलवार तक चलेगा।

वहीं होलिका दहन इस साल 7 मार्च को होगा और इसी दिन से होलाष्टक समाप्त हो जाएगा। उसके बाद 8 मार्च, बुधवार को चैत्र महीने की प्रतिपदा तिथि है और उसी दिन रंगों की होली खेली जाएगी। होलाष्टक होली के आगमन की दस्तक देता है अकक़ुर इसी दिन से होलिका दहन की तैयारी शुरू हो जाती है।

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होलाष्टक में न करें ये काम

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होलाष्टक का समय कुछ शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है और इन दिनों में उन विशेष कामों की मनाही होती है। मान्यता है कि इस अवधि में किए गए शुभ काम सफल नहीं होते हैं। आइए जानें कौन से काम इस दौरान नहीं करने चाहिए।

  • होइलाष्टक के 8 दिनों में विवाह, सगाई या इससे जुड़े कोई भी कामों को करने की मनाही होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान ऐसे कोई भी शुभ काम करने से उनमें सफलता नहीं मिलती है। यदि आप इस दौरान विवाह करते हैं तो आपकी शादी सफल नहीं होती है।
  • होलाष्टक के दौरान मुंडन (क्यों किया जाता है मुंडन संस्कार)आदि कामों को करने की भी मनाही होती है और ऐसी मान्यता है कि इस अवधि में नामकरण संस्कार भी नहीं करने चाहिए। यही नहीं इस दौरान बच्चे के जन्म के कुछ शुभ संस्कार भी नहीं करने चाहिए। यदि इस दौरान बच्चे की छठी पड़े तो उसकी तिथि भी आगे बढ़ा देनी चाहिए।
  • नया घर, नया वाहन या घर के उपयोग की कोई भी बड़ी वस्तु होलाष्टक के दौरान न खरीदें। मान्यता है कि इस दौरान खरीदा गया कोई भी सामन आपके लिए फलदायी नहीं होता है। इस दौरान आप किसी भी तरह के पैसे के लेन-देन से भी बचें। यदि आप कोई नया बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो इस दौरान न करें।
  • होलाष्टक के दौरान नई दुल्हन को मायके से ससुराल या ससुराल से मायके भी नहीं जाना चाहिए। यदि नई दुल्हन को मायके जाना है तो होलाष्टक शुरू होने से पहले ही जाना चाहिए।

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होलाष्टक में करें ये काम

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होलाष्टक के दौरान जहां कुछ काम करने की मनाही होती है वहीं कुछ काम किए भी जा सकते हैं। आइए जानें उन कामों के बारे में।

  • होलाष्टक के दौरान भले ही शुभ काम न करने हों लेकिन आप इस दौरान पूजा -पाठ कर सकते हैं। इस दौरान यदि आप भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो आपको पूजा का विशेष फल मिलता है।
  • इस दौरान आप यज्ञ और हवन जैसे काम भी कर सकते हैं। इस दौरान किया गया यज्ञ आपको शुभ फल देता है। इस दौरान आप भजन भी कर सकते हैं।
  • यदि आप होलाष्टक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करेंगे तो आपको समस्त रोगों से मुक्ति मिल सकती है।
  • होलाष्टक के दौरान लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें और उन्हें भोग अर्पित करें।
  • होलाष्टक के दौरान यदि आप गरीबों को भोजन कराएंगे और उनकी जरूरत की चीजें दान में देंगे तब भी आपके लिए विशेष फलदायी होगा।

होलाष्टक में क्यों नहीं किए जाते हैं शुभ काम

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार प्रेम के देवता कामदेव ने भोलेनाथ की तपस्या भंग कर दी थी। इससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने फाल्गुन अष्टमी के दिन कामदेव को भस्म कर दिया।

उस समय कामदेव की पत्नी रति ने भगवान शिव की पूजा की और कामदेव को वापस जीवित करने की प्रार्थना की, तब भगवान शिव को उन पर दया आ गई। इसके बाद शिवजी ने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। कहा जाता है कि तभी से होलाष्टक मनाने की परंपरा चली आ रही है और इस दौरान शुभ कामों को करने की मनाही होती है।

यदि आप होलाष्टक की अवधि के दौरान यहां बताई बातों का ध्यान रखेंगे और उसी के अनुसार काम करेंगे तो आपकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है।

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