होली का त्यौहार मुख्य रूप से रंगों का त्यौहार माना जाता है जो विभिन्न संस्कृतियों को करीब लाता है। चंद्र मास के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को तिथि को होलिका दहन किया जाता है और इस पर्व को होली के रूप में मनाया जाता है।
इस पर्व के कुछ दिन पहले से ही होलाष्टक लग जाता है जो होली पर्व का संकेत होता है। होलाष्टक शब्द होला और अष्टक शब्दों को मिलाकर बनता है जिसका अर्थ होली के आठ दिन पहले का समय होता है।
इस अवधि को हिंदू धर्म में इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान कुछ विशेष काम करने और कुछ काम न करने की सलाह दी जाती है। दरअसल होली का पूरा उत्सव ही होलाष्टक से आरंभ हो जाता है और रंग और गुलाल के साथ धुलेंडी के दिन से इस पर्व का समापन हो जाता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया सेजानें इस साल कब से लग रहा है होलाष्टक और इस अवधि के दौरान आपको कौन से काम नहीं करने की सलाह दी जाती है।
होली के लगभग 8 दिन पहले से होलाष्टक का आरम्भ हो जाता है और इसका समापन होलिका दहन के साथ होता है। इस साल होलाष्टक 28 फरवरी, मंगलवार को शुरू होगा और यह 7 मार्च, मंगलवार तक चलेगा।
वहीं होलिका दहन इस साल 7 मार्च को होगा और इसी दिन से होलाष्टक समाप्त हो जाएगा। उसके बाद 8 मार्च, बुधवार को चैत्र महीने की प्रतिपदा तिथि है और उसी दिन रंगों की होली खेली जाएगी। होलाष्टक होली के आगमन की दस्तक देता है अकक़ुर इसी दिन से होलिका दहन की तैयारी शुरू हो जाती है।
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होलाष्टक का समय कुछ शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है और इन दिनों में उन विशेष कामों की मनाही होती है। मान्यता है कि इस अवधि में किए गए शुभ काम सफल नहीं होते हैं। आइए जानें कौन से काम इस दौरान नहीं करने चाहिए।
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होलाष्टक के दौरान जहां कुछ काम करने की मनाही होती है वहीं कुछ काम किए भी जा सकते हैं। आइए जानें उन कामों के बारे में।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार प्रेम के देवता कामदेव ने भोलेनाथ की तपस्या भंग कर दी थी। इससे क्रोधित होकर भगवान शिव ने फाल्गुन अष्टमी के दिन कामदेव को भस्म कर दिया।
उस समय कामदेव की पत्नी रति ने भगवान शिव की पूजा की और कामदेव को वापस जीवित करने की प्रार्थना की, तब भगवान शिव को उन पर दया आ गई। इसके बाद शिवजी ने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। कहा जाता है कि तभी से होलाष्टक मनाने की परंपरा चली आ रही है और इस दौरान शुभ कामों को करने की मनाही होती है।
यदि आप होलाष्टक की अवधि के दौरान यहां बताई बातों का ध्यान रखेंगे और उसी के अनुसार काम करेंगे तो आपकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकती है।
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