वर्ष 2020 का आखिरी महीना दिसंबर बेहद खास होता है। इस माह कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें से कुछ अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से होते हैं तो कुछ हिंदी पंचांग के मुताबिक मनाए जाते हैं। क्रिसमस जैसा बड़ा पर्व भी दिसंबर में ही आता है। मगर बात यदि हिंदी पंचांग के हिसाब से पड़ने वाले त्यौहारों कि की जाए तो इस माह उत्पन्ना एकादशी, धनु संक्रांति और मोक्षदा एकादशी जैसे कुछ महत्वपूर्ण त्यौहार पड़ रहे हैं।
तो चलिए जानते हैं दिसंबर माह में पड़ने वाले इन हिंदू तीज-त्यौहारों का महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त-
उत्पन्ना एकादशी व्रत , 11 दिसंबर 2020
माता एकादशी को भगवान विष्णु की शक्ति का ही एक स्वरूप माना जाता है। उत्पन्ना एकादशी के दिन राक्षस मुर के वध के लिए भगवान विष्णु ने अपनी इस शक्ति को जाग्रत किया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता एकादशी का जन्म दिवस भी होता है। इस दिन जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है, उसके हर जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।
शुभ मुहूर्त : सुबह 7:38 बजे से 12 दिसंबर सुबह 9:48 बजे तक।
इसे जरूर पढ़ें: दिसंबर 2020 राशिफल: पंडित जी से जानें कैसा बीतेगा यह महीना
मार्गशीर्ष अमावस्या, 14 दिसंबर 2020
हिंदी पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष एक महीना होता है और इस महीने में आने वाली अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या या फिर अगहन अमावस्या कहा जाता है। यह अमावस्या पितरों की शांति के लिए बेहद खास मानी गई है। इस दिन पितरों के नाम पर दान-धर्म की प्रथा है। इतना ही नहीं, इस दिन जो व्यक्ति देवी लक्ष्मी की पूजा करता है, उसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
शुभ मुहूर्त : प्रात: 00:46 बजे से आरंभ हो रात 21:48 बजे तक।
धनु संक्रांति, 15 दिसंबर 2020
जिस तरह मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। उसी प्रकार धनु संक्रांति का भी कम महत्व नहीं है। यह त्यौहार हेमंत ऋतु के शुरू होने पर मनाया जाता है। इस दिन नए उगे हुए आलू खाने का रिवाज होता है। आप चाहें तो इस दिन दान-धर्म भी कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त : पूरे दिन
इसे जरूर पढ़ें: साप्ताहिक राशिफल: 30 नवंबर से 6 दिसंबर 2020 तक का यह हफ्ता रहेगा कैसा, पंडित जी से जानें
मोक्षदा एकादशी, 25 दिसंबर 2020
हिंदू धर्म में महाभारत एक ऐसी घटना रही है, जिसे आज भी याद किया जाता है। द्वापर युग में कुरुक्षेत्र में घटी इस घटना के कारण जहां एक तरफ पृथ्वी पर धर्म स्थापना संभव हुई थी, वहीं दूसरी ओर भगवान श्री कृष्ण द्वारा गीता ज्ञान की स्थापना की गई थी। ऐसी मान्यता है कि गीता हर वेद हर पुराण से सर्वोच्चय है। इस ज्ञान को सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण ने वीर पांडव अर्जुन को दिया था। इस ज्ञान को पाकर ही अर्जुन ने महाभारत का युद्ध जीता था। ऐसा कहा जाता है कि गीता ज्ञान को जो व्यक्ति पढ़ ले और अपने आचरण में उतार ले, उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती भी कहा जाता है। इस दिन एकादशी के व्रत के साथ व्यक्ति को गीता ज्ञान का पूजन भी करना चाहिए।
शुभ मुहूर्त: 25 दिसंबर सुबह 8:32 बजे से लेकर 26 दिसंबर सुबह 9:16 बजे तक।
यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें। साथ ही हिंदू तीज-त्योहार, व्रत-पूजा और धर्म से जुड़ी रोचक बातें जानने के लिए जुड़ी रहे हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik