सोचने पर मजबूर कर देंगे बॉलीवुड फिल्मों के ये 5 दमदार Dialogues

फिल्म जगत में कई ऐसी फिल्में बनाई गई जिनके दमदार डायलॉग्स ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही लाइन्स के बारे में बताने जा रहे हैं।

What are the best lines from Indian movies
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अगर आपसे पूछा जाए कि बॉलीवु इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन फिल्म कौन सी है? सभी के जवाब अलग-अलग और होंगे भी क्यों नहीं, सबकी पसंद जो अलग है। फिल्म जगत में काफी फिल्मों में समाज में चल रही प्रथा और भेदभाव, बदलाव, लिंग सामनता और जाति भेदभाव दिखाया गया है ताकि लोग उसे देख जागरूक हो सकें। फिल्मी दुनिया न केवल मनोरंजन का साधन है अपितु इसमें बोले गए डॉयलॉग्स जीवन की वो सच्चाई बता जाते हैं जिसके बाद हमारे सोचने और समझने का नजरिया बदल देते हैं।

समाज का हर वर्ग चिल्ला-चिल्ला कर कहता है कि लड़की और लड़के में फर्क नहीं किया जाता है। उन्हें उड़ने और खुली हवा में सांस लेने का हक है। लेकिन आज भी समाज में लड़कियों को इस बात इजाजत नहीं है। आज भी उनके काम और मेहनत को नजरअंदाज किया जाता है। अगर बात करें पिंक, गंगूबाई काठियांवड़ी जिनके डॉयलॉग्स आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे। चलिए जानते हैं उन फिल्मों के डॉयलॉग्स की बारिकीयों के बारे में

हम चुराए हैं तो एक मौका, अपनी जिंदगी जीने के लिए

Laapataa Ladies Film Jaya Dialouges

किरण राव फिल्म 'लापता लेडीज' ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म का क्रेज लोगों में बखूबी देखा जा सकता है। लापता लेडीज में जया से थानेदार साहब पूछते हैं, तो तुमने ऐसा क्यों किया तब वह जवाब देती है कि भागे नहीं हम चुराएं हैं तो एक मौका, अपनी जिंदगी जीने का। यह डॉयलॉग्स कहीं न कहीं यह बताता है कि आज भी महिलाओं को पढ़ने और सपने पूरे करने की परमिश नहीं है। अगर करने हैं तो उसे उस दीवार को तोड़कर निकलना होगा।

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जस्ट अ स्लॉप नहीं मार सकता

Thappad Film Line

बॉलीवुड फिल्म 'थप्पड़' में अमृता अपने आत्मसम्मान के लिए अपनी लव लाइफ को छोड़ देती है, क्योंकि किसी भी आदमी को औरत पर हाथ उठाने का हक नहीं है।

जब एक लड़की खुली आंखों से सपना देखती है तो उसकी दुनिया बदल जाती है

'रब ने बना दी जोड़ी' में तानी की शादी एक ऐसे लड़के से हो जाती है जो साधारण और शांत बनकर रहता है। वहीं तानी को डांस और खुले आसमान में उड़ना पसंद होता है। वह अपनी जिंदगी को चिड़ियों की तरह आसमान में उड़ना चाहती है।

जब शक्ति, संपत्ति,सद्बुद्धि सब औरत है तो पुरूष को किस बात का गुरूर

Alia Bhatt Film line

हम जिस समाज में रहते हैं उसे पुरूष प्रधान देश कहा जाता है। यह औरतों को खाने, बोलने और चलने से पहले आदमियों से पूछना पड़ता है। 'गंगुबाई काठियावाड़ी' में गंगुबाई कहती है कि जब शक्ति, समाप्ति,सद्बुद्धि ये तीनों ही औरत है, तो इन मर्दो को किस बात का गुरूर।

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Image credit-Instgram, Imdb

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