देश बदल रहा है, सोच बदल रही है और अब केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी नई मिसालें कायम कर रही हैं। इसलिए केवल चायवाला ही पीएम नहीं बन रहा... सेल्स गर्ल भी डिफेंस मिनिस्टर बन रही हैं और महिलाओं को हिम्मत ना हारने की प्रेरणा दे रही हैं। सितंबर के पहले रविवार को राज्यसभा की 58 वर्षीय सदस्य निर्मला सीतारमण डिफेंस मिनिस्टर बनीं। ये देश की पहली महिला पूर्णकालिक रक्षा मंत्री हैं। इससे पहले 1970 के दशक में केवल इंदिरा गांधी ही इस अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। अब इनका कद अरूण जेटली और सुषमा स्वराज से भी ऊंचा होगा क्योंकि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के absence में रक्षा मंत्री, कैबिनेट की बैठक लेता है। आपको शायद मालुम होगा कि सीतारमण ने अपना करियर एक सेल्स गर्ल के तौर पर शुरू किया था और आज देश की रक्षा मंत्री हैं। आइए डालते हैं एक नजर उनके करियर पर...
1JNU से किया है एमफिल

तमिलनाडु के मदुरै जिले में 18 अगस्त 1959 को निर्मला सीतारमण का जन्म हुआ। निर्मला के पिता रेलवे में थे। कॉलेज की पढ़ाई के लिए निर्मला दिल्ली आईं। JNU में मास्टर्स में admission लिया। फिर JNU से ही टेक्सटाइल ट्रेड में एमफिल किया। इसी समय स्टूडेंट यूनियन के इलेक्शन के लिए फ्री थिंकर्स के साथ जुड़ीं।
2लंदन में की सेल्स गर्ल की जॉब

पढ़ाई के दौरान ही दिल्ली में इनकी मुलाकात आंध्र प्रदेश के परकल प्रभाकर से हुई। 1986 में दोनों ने शादी की और फिर उसके बाद लंदन चले गए। उस समय प्रभाकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी कर रहे थे। तब निर्मला ने सेल्स गर्ल के तौर पर हैबिटेट कंपनी ज्वॉयन की। लेकिन जल्द ही इन्होंने ये नौकरी छोड़ दी और उसके बाद प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के साथ सीनियर मैनेजर के तौर पर जुड़ गईं। फिर 1991 में निर्मला व प्रभाकर इंडिया वापस आए और हैदराबाद में बस गए।
Read More: भारतीय महिलाओं की ऐसी तस्वीरें जो बताती हैं कि हमारा देश विकास कर रहा है
32006 में हुईं बीजेपी में शामिल

देश वापस आने के बाद निर्मला ने education के मामले में काम करना शुरू किया। इस बीच वो 2003 से 2005 के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की मेंबर भी रहीं। फिर 2006 में बीजेपी ज्वॉयन कर अपना political career शुरू किया। वैसे इनके सास और ससुर दोनों ही पहले से कांग्रेस के विधायक थे। 2007 में इन के पति ने चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी ज्वाइन की। लेकिन जल्द ही वे भी बीजेपी में शामिल हो गए। फिलहाल वे आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू के communication advisor हैं।
42017 में बनीं defence minister

अब सितंबर 2017 में defence minister बनीं है। अपने defence minister बनने पर कहती हैं, "छोटे शहर से आया शख्स जब पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा है और यदि उसे अहम जिम्मेदारी दी जाती है तो कभी कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है।"defence minister के पद के लिए उनके नाम के घोषणा होने के साथ ही विपक्ष ने भी उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी। लेकिन ना तो वो आलोचनाओं से परहेज करती हैं और ना डरती हैं।
Read More: 67 फीसदी ग्रामीण महिलाएं चाहती हैं आगे पढ़ना व 56 फीसदी ग्रामीण महिलाएं करना चाहती हैं काम: सर्वे