काफी समय से देश में ट्रांसजेंडर के प्रति जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है लेकिन हमारे समाज के अधिकतर लोगों का यह मानना हैं कि ट्रांसजेंडर समाज के कई लोग शादी या बच्चा पैदा होने पर सिर्फ घर-घर में पैसे मांगने ही जाते हैं और खुद से कोई कमाई नहीं करना चाहते हैं लेकिन इस बात को दीपा भास्कर गांगुर्दे ने गलत साबित करके दिखाया है।
ट्रांसजेंडर होने के बावजूद उन्होंने खुद का ब्यूटी पार्लर खोला और समाज में सभी के सामने यह साबित करके दिखाया कि ट्रांसजेंडर समाज के लोग सिर्फ घर-घर जाकर पैसे नहीं मांगते हैं। हरजिंदगी हिंदी ने दीपा भास्कर गांगुर्दे की इंस्पिरेशनल स्टोरी को जानने के लिए उनसे बात की और यह जानने की कोशिश की किस तरह से दीपा भास्कर गांगुर्दे ने अपना ब्यूटी पार्लर खोलने की ठानी।
'मेरा बचपन संघर्षों और कई परेशानियों के बीच बीता था। मैं नासिक के एक गरीब परिवार में पैदा हुई थी। जब मैं चोटी थी तो मेरी मां लकड़ी बीनने और बचने का काम करती थी। जब मैं स्कूल में पढ़ने के लिए जाती थी तो मेरे क्लास के बच्चे मुझे मेरे चलने के तरीके पर लड़कियों से बात करने पर बहुत चिढ़ाते थे। मैंने बचपन में बहुत सारी परेशानियों को झेला था जिसके कारण मुझे स्कूल भी छोड़ना पड़ा। लेकिन उन सभी बातों को पीछे छोड़कर और खुद को मजबूत बनाकर मैंने आगे बढ़ने का फैसला लिया। सिर्फ यही नहीं मुझे बचपन में चूड़ियां पहनना पसंद था और लड़कियों की तरह तैयार होना भी अच्छा लगता था इस कारण से मेरे घर वाले और कुछ रिश्तेदार भी मुझ से बात नहीं करते थे।'
'मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं खुद का ब्यूटी पार्लर शुरू करूंगी लेकिन जब मैंने अपना पार्लर शुरू किया तब मेरी फैमिली ने तो बहुत अधिक सपोर्ट नहीं था। समाज के लोगों से भी तरह-तरह की बातें मुझे तब सुननी पड़ती थी। लोग यह भी कहते थे कि मैं दूसरों को भी अपनी तरह बना दूंगी। इन सभी बातों को सुनकर मुझे बहुत दुख होता था लेकिन धीरे-धीरे मैंने अपने काम से लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनना शुरू की और फिर कई महिलाओं ने भी मुझे सराहना दी जिससे मुझे बहुत खुशी। मैं तो यह मानती हूं कि अगर आप किसी काम को करना चाहते हैं तो उस काम के लिए भले ही आपको सपोर्ट ना मिले लेकिन फिर भी आप मेहनत से अपने काम को सभी के सामने पेश कर सकते है।'
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'पहले मैंने कई जगह काम करने की कोशिश की थी लेकिन उन सभी कंपनियों में मुझे ट्रांसजेंडर होने के कारण हर रोज परेशानियों को झेलना पड़ता था इसके बाद मैंने ब्यूटी पार्लर को शुरू करने का निर्णय लिया लेकिन मेरे पास कई सारे संसाधन नहीं थे और पर मैं ब्यूटीशियन बनने की इच्छा रखने वालों में से एक थी। शुरू में तो मैंने टीवी पर आने वाले कार्यक्रमों से सीखने का प्रयास किया। इसके बाद जन शिक्षण संस्थान से ब्यूटी कोर्स पूरा किया और अपने जीवन की नई शुरुआत की।'
आपको बता दें कि जन शिक्षण संस्थान की योजना को साल 2018 में Ministry of Education के द्वारा शुरू किया गया था। कुछ समय बाद यह Ministry of skill development and entrepreneurship को ट्रांसफर किया गया था।
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'मैंने कई सारी परेशानियों का सामना किया है और आज भी मुझे परेशानियों का सामना आए दिन करना ही पड़ता है लेकिन कुछ हमारे समाज के लोग ऐसे भी होते हैं जिन्होंने हमेशा से ही हमें अपना समझा और वह हमें आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। (दीपिका पादुकोण जल्द करेंगी अपना लाइफस्टाइल ब्रैंड लॉन्च, उनके जैसी अन्य Entrepreneur से मिलिए!)ट्रांसजेंडर समाज के लोग भी यह चाहते थे कि मैं भी उनके साथ जुड़ जाऊं क्योंकि मैंने कभी भी यह नहीं सोचा कि भविष्य में मैं घर-घर जाकर पैसे मांगने का काम करूं। मैंनो हमेशा से कोई बिजनेस करने का सपना देखा था। मैे समाज में यह सोच लाना चाहती हूं कि ट्रांसजेंडर समाज के लोग भी बिजनेस चला सकते हैं और दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं।'
'मैंने मेकअप आर्टिस्ट बनने का सपना बचपन से देखा था। मैं अपनी सोसाइटी में होने वाली शादियों में दुल्हन को सजाने के लिए जाती थी और उनके मेकअप से लेकर उनकी हेयर स्टाइल के बारे मैं डिसाइड करती थी। कुछ समय बाद मुझे इस कोर्स के बारे में जानकारी मिली तो मैंने इस कोर्स में कई चीजों को सीखने में पूरी मेहनत की और अपना करियर इस क्षेत्र में बनाया। साथ ही मैं सोशल वर्क करके उन लोगों की मदद करती हूं जो गरीब होते हैं।'
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'मैंने अपने साथ कई सारे ट्रांसजेंडर समाज के लोगों को जोड़ने का प्रयास लेकिन कुछ ट्रांसजेंडर समाज के लोग ऐसे भी होते हैं जो आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं और उन्हें खुद से कमाई करने की जगह घर-घर जाकर पैसे मांगना ही बेहतर लगता है। मेरा यह भी मानना है कि इन लोगों के लिए सरकार को जागरूकता केंद्र भी बनाने चाहिए जिससे उन्हें यह पता चल पाए कि उनका भविष्य भी बेहतर हो सकता है और वह भी समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं।
'मैं तो यही कहूंगी की ट्रांसजेंडर समाज के लोगों को अपना कोई बिजनेस या काम जरूर शुरू करना चाहिए।(जानें कौन हैं अनीता गुप्ता जिन्होंने अब तक 20 हजार महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर) इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेंगे और उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं यह भी उन्हें संदेश देना चाहूंगी कि हर व्यक्ति के अंदर भगवान कोई ना कोई खूबी देते हैं बस आपको उसे निखारने की जरूरत होती है।'
समाज के सभी लोगों को भी यह समझना बहुत जरूरी है कि वह ट्रांसजेंडर लोगों को पूरी इज्जत दें और उनका सम्मान करना सीखें। जिन लोगों के घर में ट्रांसजेंडर बच्चे पैदा होते हैं तो उस फैमिली के सदस्यों को बच्चे को पूरी तरह से अपनाना चाहिए ताकि उस बच्चे को अपना घर छोड़कर कहीं और ना जाना पड़े। मैं चाहती हूं कि सभी लोग हमें उतना ही सम्मान दें जितना वह अपने आसपास मौजूद लोगों को देते हैं।'
दीपा भास्कर गांगुर्दे हमारे देश के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं क्योंकि उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय से होने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाने का सपना देखा और उसे पूरा किया। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं साथ ही फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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