
हमारे इस्तेमाल में रोजमर्रा में कई ऐसी चीजें आती हैं जिन्हें हम सालों से देखते तो आ रहे हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल कैसे किया जाता है इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। कई बार तो कपड़ों में लगे बटन का या लूप्स का क्या काम होता है इसके बारे में भी हम नहीं जान पाते। पर ऐसा क्यों? क्या कभी आपने ये समझने की कोशिश की है? अगर आप भी उनमें से एक हैं जिन्हें फैशन और कपड़ों से जुड़े ऐसे फैक्ट्स की जानकारी नहीं है तो ये स्टोरी आपके काम की साबित हो सकती है। चलिए हम आपको बताते हैं फैशन से जुड़े ऐसे ही 9 फैक्ट्स के बारे में।


आपने शायद नोटिस किया हो कि महिलाओं की अंडरवियर की पॉकेट में जेब जैसी एक आकृति बनी होती है। ये अधिकतर पॉलिएस्टर की बनी होती है और ये सिर्फ एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन के लिए है। वेजाइनल एरिया की स्किन काफी नाजुक होती है और उसे बचाने के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है।
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आपने देखा होगा कि कपड़ों में कंधों के पास से कुछ स्ट्रिंग्स निकलते हैं और ये लूप्स की शक्ल में होते हैं। ये अलग-अलग मटेरियल के हो सकते हैं। ये स्ट्रिंग्स इसलिए लगे होते हैं ताकि आप अपने कपड़ों को हैंगर में टांग सकें और इससे उनके शेप में कोई बदलाव ना आए।

जीन्स की पॉकेट में छोटे बटन यानि रिवेट्स का इतिहास 1829 से जुड़ा हुआ है। दरअसल, उस दौर में जब फैशन की फील्ड में क्रांति आई हुई थी और लोग ऐसी जॉब्स करते थे जिनमें बहुत मेहनत लगती थी वहां मजदूरों के लिए जीन्स बनाई गई थी। ऐसे में जीन्स की पॉकेट फटे नहीं और हैवी वर्कलोड झेल जाए इसलिए उनके ऊपर छोटे-छोटे बटन लगा दिए गए थे। ये बटन जीन्स की पॉकेट की ड्यूरेबिलिटी बढ़ाते हैं।

आपने अधिकतर देखा होगा कि बच्चों की और बड़ों की भी वूलन हैट्स में पॉम पॉम लगे होते हैं। ये ऊन के क्यूट बॉल्स देखने में अच्छे लगते हैं, लेकिन इसे एक खास कारण से कैप्स पर लगाया जाता है। 18वीं सदी से ही इन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है और ये हेड गार्ड का काम करते हैं। पुराने जमाने में लो सीलिंग वाले घरों और दरवाज़ें से सिर को बचाया जा सके या बच्चों के गिरने पर सीधे सिर के ऊपर ज्यादा चोट ना आए इसलिए इन्हें लगाया जाता था।

जीन्स में मौजूद इन छोटी पॉकेट्स का आविष्कार 18वीं सदी में पॉकेट वॉच रखने के लिए किया गया था। उस समय लोग पॉकेट वॉच का इस्तेमाल किया करते थे और बार-बार गहरी पॉकेट में हाथ ना डालना पड़े इसलिए इस पॉकेट को बनाया गया था।
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स्नीकर्स में लेस लगाने वाले होल्स के साथ-साथ नीचे की ओर दो छोटे होल्स भी भी होते हैं। ये कैनवास शूज में तो हमेशा देखे जाते हैं। दरअसल इनका आविष्कार वेंटिलेशन के लिए किया गया था ताकि पैरों में हवा जाती रहे और इनमें बदबू ना आए।

आपने देखा होगा कि कई शर्ट्स में एल्बो पैच दिए जाते हैं। ऐसा अधिकतर इसलिए किया जाता है ताकि उस जगह से कपड़ा कटे नहीं। मिलिट्री वालों के लिए सबसे पहले इसका आविष्कार हुआ था। अब इसे डिजाइन का हिस्सा बनाया जाता है।

स्नीकर्स में होल्स के साथ-साथ रबर टॉपर्स भी लगे होते हैं जो पैरों के पंजे के पास होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले के समय में स्नीकर्स सिर्फ एथलीट्स ही पहनते थे और खेलते समय उनके पंजों पर चोट ना लग जाए इसलिए इसे लगाया जाता था।

आपने नोटिस किया होगा कि कई शर्ट्स (खासतौर पर मोटे कपड़े वाली) के पीछे की ओर भी एक छोटा सा लूप दिया जाता है। ये लूप असल में इसलिए बनाया गया था ताकि वो लोग इसे आसानी से टांग सकें जो अपनी शर्ट में क्रीज नहीं चाहते हैं।
तो अब आप समझ ही गए होंगे कि अलग-अलग चीज़ों के लिए बनाए गए इन फैशन आइटम्स की वजह क्या है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।