Siddhivinayak Temple Interesting Facts: अच्छा.. अगर आपसे यह पूछा जाए कि देश में स्थित सबसे प्रसिद्ध और चर्चित गणेश मंदिर का क्या नाम है, तो आपका जवाब क्या होगा? शायद आपको जवाब-सिद्धिविनायक मंदिर ही होगा।
महाराष्ट्र की राजधानी और माया नगरी के नाम से प्रसिद्ध मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर रोज करीब लाखों भक्त भगवान गणेश जी का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यहां दर्शन मात्र से भक्तों की मुरादें पूरी हो हैं। इसलिए सिद्धिविनायक का दर्शन करना कई लोगों का सपना भी होता है।
अगर आप भी गणेश भक्त हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद आप भी नहीं जानते होंगे।
सिद्धिविनायक मंदिर भारत के सबसे पवित्र और प्रसिद्ध गणेश मंदिरों से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका निर्माण कब हुआ था? ऐसे में आपको बता दें कि इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल के द्वारा किया गया था। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण के लिए एक महिला में अपना सारा पैसा दे दिया था।
यह तो आप जानते हैं कि मंदिर का नाम सिद्धिविनायक है, लेकिन सिद्धिविनायक मंदिर क्यों कहते हैं, क्या आपको मालूम है? ऐसे में आपको बता दें कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सिद्धिविनायक भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। इसलिए इस मंदिर को सिद्धिविनायक कहा जाता है। यहां सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी हो जाती है।
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सिद्धिविनायक मंदिर देश एक ऐसा मंदिर है, जहां सिर्फ भगवान गणेश ही नहीं, बल्कि उनकी दोनों पत्नियां यानी रिद्धि और सिद्धि विराजमान हैं। इसलिए इस मंदिर को बेहद खास और पवित्र माना जाता है। भगवान गणेश के साथ-साथ रिद्धि और सिद्धि भी पाने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं। यहां हर समय भक्तों की लाइन लगी रहती हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर अपने चमत्कार के लिए तो जाना ही जाता है, इसके साथ-साथ यहां स्थापित मूर्ति भी चमत्कारी है। मंदिर के गर्भगृह में स्थपित मूर्ति के बारे में बोला जाता है कि यहां गणेश जी की सूड़ दाईं तरफ मुड़ी हुई है, जिसके चलते यह मंदिर और भी अधिक खास हो जाता है। यहां भी आम लोग ही नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी हस्तियां दर्शन करने पहुंचती हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर सिर्फ चमत्कार के लिए भी नहीं जाता है, बल्कि देश के सबसे अमीर मंदिरों में से भी एक माना जाता है। यह पूरे महाराष्ट्र का सबसे अमीर मंदिर भी माना जाता है। कहा जाता है कि यहां भक्तों द्वारा हर साल करोड़ों का दान दिया जाता है। कई भक्त पैसे के साथ-साथ आभूषण भी दान में देते हैं।
शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है तो आपको बता दें कि सिद्धिविनायक देश का एक ऐसा मंदिर है, जहां चांदी के चूहे के स्थापित है। यह हम सभी जानते हैं कि मूषक भगवान गणेश की सवारी है। जी हां, भगवान गणेश की मूर्ति के पास में चूहों की दो बड़ी मूर्तियां भी हैं। मान्यता है कि जो भी उनके कानों में अपनी मुराद मांगते हैं, तो भगवान गणेश जी के पास पहुंचा देते हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर की वास्तुकला भी सैलानियों की खूब आकर्षित करती है। यह एक बहुमंजिला मंदिर है। कहा जाता है कि मंदिर का मुख्य मुकुट सोने से मढ़ा हुआ। इसका निर्माण संगमरमर और गुलाबी ग्रेनाइट जैसे पत्थरों से किया गया है। कहा जाता है कि मंदिर की ऊपरी मंजिल पर यहां के पुजारी रहते हैं।
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सिद्धिविनायक मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां अब कोई भी भक्त भड़काऊ ड्रेस पहनाकर दर्शन करने नहीं जा सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर प्रशासन द्वारा 30 जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है, जिसके तहत अब भक्तों को पारंपरिक वेशभूषा में भी अंदर जाने की अनुमति है।
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