
भारत का ऐतिहासिक शहर उज्जैन अपने मंदिरों, पर्यटक आकर्षणों और प्राचीन स्मारकों के लिए बेहद लोकप्रिय है। हर साल यहां कई लोग शहर के साथ-साथ इसके प्राचीन स्थल और मंदिरों के दर्शन के लिए आते हैं। यह तीर्थयात्रा की नजर से एक महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। यहां के तमाम मंदिर कई कारणों से चर्चित हैं। अगर आप भी उज्जैन घूमने की योजना बना रहे हैं, तो एक बार यहां के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन जरूर करें। आइए जानते हैं, ऐसे ही कुछ चुनिंदा लोकप्रिय मंदिरों के बारे में।

श्री महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थानों में से एक है। दरअसल, यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है, जिन्हें शिव का सबसे पवित्र निवास माना जाता है। यह मंदिर रुद्र सागर झील से घिरा हुआ है। मंदिर में आपको मराठा और चालुक्य शैलियों से जुड़ी स्थापत्य कला देखने को मिलेंगी। इसमें ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर के शिलालेख और गणेश, कार्तिकेय और पार्वती के चित्र भी हैं। यहां हर साल कई धार्मिक त्योहार और समारोह का आयोजन होता है। मंदिर खुलने का समय सुबह 5 बजे से रात के 10 बजे तक खुलता है।

भगवान कृष्ण को समर्पित, उज्जैन में यह मंदिर 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया था और यह मराठा वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह मंदिर शहर के बीचोबीच एक बड़े बाजार में स्थित है और संगमरमर से बनी 2 फुट ऊंची भगवान कृष्ण की मूर्ति के साथ संगमरमर से बनी वेदी पर चांदी की परत चढ़ा हुआ प्रवेश द्वार है। मंदिर का निर्माण मराठा राजा दौलतराव शिंदे की पत्नी बायाजी शिंदे ने करवाया था। इसके अलावा, मंदिर में भगवान शिव, पार्वती और गरुड़ की मूर्तियां भी हैं। इस मंदिर में दर्शन के लिए सुबह 5:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक जा सकते हैं।

भैरव को भगवान शिव का एक उग्र रूप माना जाता हैं और आठ भैरवों में काल भैरव सबसे महत्वपूर्ण हैं। मंदिर में नंदी बैल के सामने एक शिवलिंग स्थापित है, जो महाशिवरात्रि के दौरान हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। ऐसा माना जाता है कि बैल, शिव और पार्वती को देवी पार्वती के पिता राजा दक्ष से उपहार के रूप में मिला था। वैसे तो आप यहां के दर्शन कभी भी कर सकते हैं, मगर महाशिवरात्रि के दौरान यहां का माहौल अलग ही होता है। मंदिर खुलने का समय सुबह 6 बजे से रात के 8:30 बजे के बीच है।
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उज्जैन का यह अनूठा मंदिर शिप्रा नदी के तट पर त्रिवेणी घाट पर स्थित है और इसे भारत का पहला नवग्रह मंदिर और दुनिया का एकमात्र शनि मंदिर कहा जाता है जहां शनिदेव को भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है। 2,000 वर्षों से भी अधिक पुराना यह मंदिर नौ ग्रहों सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, गुरु, राहु, शुक्र, केतु और शनि को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनि अच्छे कर्मों का पालन करने के लिए धन और समृद्धि देते हैं और साथ ही बुरे कर्मों में लिप्त लोगों को कड़ी सजा देते हैं। यह मंदिर सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुलता है।
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एक भव्य संरचना, चौबीस खंबा मंदिर उज्जैन में घूमने के लिए एक और लोकप्रिय पवित्र स्थान है। इसका आर्किटेक्चर 9वीं/10वीं शताब्दी का माना जाता है। इस मंदिर में आप स्थापत्य कला का एक सुंदर उदाहरण देख सकते हैं। प्रवेश द्वार में मंदिर की संरक्षक देवियां महालय और महामाया की छवियों को प्रदर्शित किया है। दोनों के नाम मंदिर के फुटस्टेप्स पर खुदे हुए हैं। इस मंदिर में भीड़ ज्यादातर नवरात्रि और महाशिवरात्रि के दौरान देखी जाती है, तो आप इस समय भी यहां आ सकते हैं। इस मंदिर में दर्शन आप सुबह 5:30 बजे से शाम 6 बजे के बीच कर सकते हैं।
अब जब आप उज्जैन में घूमने के लिए सबसे अच्छे मंदिरों और पवित्र स्थानों के बारे में जानते हैं, तो जल्द ही इस आकर्षक शहर की यात्रा की योजना बनाएं। अगर यह लेख आपको पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर करें और इस तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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