Delhi High Court: अनिल कपूर को पर्सनैलिटी राइट्स पर दिल्ली हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत

पर्सनैलिटी राइट्स के मामले में अब अमिताभ बच्चन की तरह ही अनिल कपूर की आवाज, तस्वीर और डायलॉग को बिना इजाजत नहीं इस्तेमाल कर पाएंगे।

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आज बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनिल कपूर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को हुई अनिल की याचिका पर कार्रवाई करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का नाम, आवाज, तस्वीर या डायलॉग का अवैध तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। दरअसल, अभिनेता अनिल कपूर ने पर्सनैलिटी राइट्स के अधिकार के लिए एक याचिका दायर की थी। इसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने मशहूर अभिनेता अनिल कपूर को राहत दिया है। वहीं पर्सनैलिटी राइट्स के मामले में अनिल कपूर से पहले 25 नवंबर 2022 को महानायक अमिताभ बच्चन को भी राहत दी गई है। यानी बिना इन कलाकारों के इजाजत के आप उनके किसी भी तरह के अभिनय का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। जैसे व्यवसाय के लिए या इनके नाम पर अपनी क्रेडिट बढ़ाने के लिए।

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हाई कोर्ट अनिल कपूर के द्वारा दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें चिंता जताई गई कि जनरेटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई जैसे उपकरणों का इस्तेमाल लोगों के द्वारा उनकी कड़ी मेहनत से हासिल किए गए रेपटेशन और गुडविल पर प्रिजुडिशल इफेक्ट डालने के लिए किया जा रहा है।

अनिल कपूर के मामले में न्यायमूर्ति ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह ने किसी किस्म का ऑडियो प्रोडक्ट, रिंगटोन आदि बनाने के लिए किसी को भी अनिल कपूर के नाम, समानता, आवाज या उनके पर्सनैलिटी के किसी भी पहलू का इस्तेमाल करने से रोकने का आदेश पारित किया। न्यायालय ने उनकी छवि को बिगाड़ कर या तोड़ मरोड़ के जनरेटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के साथ-साथ पैसे की कमाई या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जीआईएफ में उनकी छवि के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी, जहां ऐसी गतिविधियों से कपूर के अधिकारों का उल्लंघन होने की संभावना है।

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हाई कोर्ट ने आगे आदेश दिया कि http://Anilkapoor.com जैसे डोमेन को तुरंत निलंबित और ब्लॉक कर दिया जाए। इसके अलावा, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) को अभिनेता की मॉर्फ्ड छवियों का इस्तेमाल करके अपलोड किए गए अश्लील वीडियो के संबंध में ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए था।

हाई कोर्ट अनिल कपूर के एक मुकदमे की सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया और चिंता जताई थी कि एआई का दुरुपयोग कर उनकी कड़ी मेहनत से हासिल किए गए रेपटेशन और गुडविल पर प्रिजुडिशल इफेक्ट डालने के लिए किया जा रहा है, और उनके पर्सनैलिटी से व्यावसायिक रूप से लाभ उठाने के उनके विशेष अधिकारों को बाधित करने के लिए किया जा रहा है।delhi high court order to prevent misuse of anil kapoors image voice and dialogue in AI

अनिल कपूर ने अपनी सहमति के बिना उनके नाम, संक्षिप्त नाम एके, उनकी आवाज, छवि, साथ ही उनके उपनाम जैसे लखन, मिस्टर इंडिया, मजनू भाई, नायक और वाक्यांश झकास के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कीचेन, टी-शर्ट आदि जैसे उत्पादों और छवियों, जीआईएफ और वीडियो आदि जैसी ऑडियो-विजुअल सामग्री की अनधिकृत बिक्री/प्रसार को रोकने के लिए निर्देश देने की भी मांग की।

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"इस हाई कोर्टको यह मानने में कोई दिक्कत नहीं है कि उनके (अनिल कपूर के) नाम, व्यक्तित्व और समानता को न केवल उनके अपने लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी संरक्षित किया जाना चाहिए, जो उनके नाम को कलंकित करने और नकारात्मकता के लिए इस्तेमाल होते नहीं देखना चाहते। उपयोग करें, वादी ने प्रथम दृष्टया यानी Prima facie अपने पक्ष में मामला बनाया है,'' हाई कोर्टने आज फैसला सुनाया।

न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेख, समाचार, व्यंग्य, आलोचना और पै रोडी के रूप में संरक्षित किया जाता है, जो वास्तविक है, उसे किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को धूमिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा, "जब यह सीमा पार करता है और व्यक्ति के व्यक्तित्व और उससे जुड़े तत्वों को खराब करता है, कलंकित करता है या खतरे में डालता है, तो यह अवैध होगा।"

पर्सनैलिटी राइट्स पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

हर जिंदगी के संवाददाता का पर्सनैलिटी राइट्स पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता आजाद खान से सवाल करने पर, आजाद बताते हैं कि आजकल लोग सोशल मीडिया पर किसी भी अभिनेता के आवाज और तस्वीरों का इस्तेमाल कर के पैसे कमाने का जरिया बना रहे हैं, जो कि कानूनी तौर पर अवैध माना जाता है। क्योंकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”। इसलिए किसी के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करने से पहले उसकी इजाजत ले लेना उचित तरीका हो सकता है।

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Pic: ANI

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