touching shivling in bull posture significance

शिवलिंग को नंदी मुद्रा में ही क्यों स्पर्श करना चाहिए?

मान्यता है कि भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा करने से समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है। हालांकि शास्त्रों में शिवलिंग पूजा से जुड़े नियम भी हैं। 
Editorial
Updated:- 2024-01-18, 14:35 IST

Shivling Ko Kaise Kare Sparsh: हिन्दू धर्म में शिवलिंग पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा करने से समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है। हालांकि शास्त्रों में शिवलिंग पूजा का जितना महत्व बताया गया है उतने ही इससे जुड़े नियम भी हैं।

अक्सर शिवलिंग की पूजा करते समय या पूजा करने के बाद लोग शिवलिंग को स्पर्श करते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पुरुष तत्व है। ऐसे में इसे स्पर्श करने के कुछ नियम शास्त्रों में वर्णित हैं। इन नियमों का पालन आवश्यक है नहीं तो पूजा में दोष उत्पन्न होता है और फल नहीं मिलता।

इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि महिलाओं को शिवलिंग स्पर्श नहीं  करना चाहिए लेकिन अगर भक्तिभाव में आप ऐसा करती हैं तो नंदी मुद्रा में ही शिवलिंग को छूना चाहिए। क्या है इसके पीछे का कारण और क्या होती है नंदी मुद्रा, आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से। 

कैसे करें शिवलिंग को स्पर्श?  

kis mudra mein shivling ko sparsh karna chahiye

नंदी मुद्रा वह होती है जिसमें नंदी जी के समान ही बैठा जाता है। साथ ही, हाथों से भी यह मुद्रा बनाई जाती है। पहली और आखिरी उंगली को सीधा रखा जाता है, जबकि बीच दो उंगलियों को अंगूठे के साथ जोड़ा जाता है।(कितनी उंगलियों में बिछिया पहनना होता है शुभ?) 

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इसी मुद्रा में शिवलिंग का स्पर्श महिलाओं द्वारा करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि नंदी मुद्रा में बैठकर और हाथों से नंदी मुद्रा में ही शिवलिंग को छूने से महिलाओं में या किसी भी भक्त में नंदी के समान ही भक्ति जागृत होती है।

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साथ ही, जिस प्रकार नंदी की प्रार्थना बिना देरी के भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) सुन लेते हैं ठीक वैसे ही नंदी मुद्रा में भगवान शिव से प्रार्थना करने से वह शीघ्र उस मनोकामना को पूरा कर देते हैं। इसलिए नंदी मुद्रा में ही शिवलिंग को स्पर्श करना चाहिए।

 

अगर आप भी शिवलिंग के दर्शनों के लिए मंदिर जाते हैं और शिवलिंग को स्पर्श करते हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान लें कि आखिर किस मुद्रा में शिवलिंग को स्पर्श करना चाहिए और क्या हैं शिवलिंग को स्पर्श करने के नियम। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

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