Janmashtami 2025: 15 या 16 अगस्त, इस साल कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी? नोट करें सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Krishna Janmashtami Kab Hai: हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में भगवान श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है जन्माष्टमी, क्या है इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा, जलाभिषेक और पंचामृत स्नान का शुभ मुहूर्त एवं इस पर्व का महत्व। 
janmashtami 2025 date

जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पावन पर्व है जो हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में भगवान श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

बता दें कि, जन्माष्टमी पर भक्त भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना करके, उपवास रखकर और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करके उनके जन्म का उत्सव मनाते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है जन्माष्टमी, क्या है इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा, जलाभिषेक और पंचामृत स्नान का शुभ मुहूर्त एवं इस पर्व का महत्व।

जन्माष्टमी 2025 कब है?

शास्त्रों के अनुसार, जनमष्टमी की तिथि वह मानी जाती है जब भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र बन रहा हो, लेकिन अगर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी एक साथ न पड़ रही हो तब अष्टमी की उदया तिथि को देखते हुए जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए।

janmashtami 2025 ki tithi

  • भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि आरंभ: 15 अगस्त, शुक्रवार के दिन, रात 11 बजकर 49 मिनट
  • भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समापन: 16 अगस्त, शनिवार के दिन, रात 9 बजकर 34 मिनट
  • चन्द्रोदय का समय: 16 अगस्त को रात 10 बजकर 46 मिनट
  • रोहिणी नक्षत्र आरंभ: 17 अगस्त, रविवार के दिन, सुबह 4 बजकर 38 मिनट
  • रोहिणी नक्षत्र समापन: 17 अगस्त, रविवार के दिन, रात 3 बजकर 17 मिनट

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जन्माष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी के दी जहां एक ओर उदया तिथि से ही यानी कि 16 अगस्त की सुबह से ही व्रत का आरंभ हो जाएगा तो वहीं, दूसरी ओर 16 अगस्त की रात को लड्डू गोपाल का जलाभिषेक एवं पंचामृत स्नान किया जाएगा। ऐसे में ये चीजें शुभ मुहूर्त में करना उत्तम होगा।

  • मध्य रात्रि नीतिशा मुहूर्त: 16 अगस्त, रात 12 बजकर 4 मिनट से रात 12 बजकर 47 मिनट
  • इस मुहूर्त में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक और पंचामृत स्नान करना शुभ और लाभकारी होगा।
  • ब्रह्म मुहूर्त: 16 अगस्त 2025, सुबह 4 बजकर 24 मिनट से सुबह 5 बजकर 7 मिनट
  • जन्माष्टमी के दिन पवित्र स्नान और व्रत के संकल्प के लिए यह समय शुभ रहेगा।
  • विजय मुहूर्त: 16 अगस्त, दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट
  • विशेष अनुष्ठान या फिर किसी संकल्प के साथ किए गए विशेष दान के लिए यह मुहूर्त शुभ है।
  • गोधूलि मुहूर्त: 16 अगस्त, शाम 7 बजे से शाम 7 बजकर 22 मिनट
  • लड्डू गोपाल के संध्या पूजन और आरती के लिए यह मुहूर्त उत्तम सिद्ध होगा।

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जन्माष्टमी 2025 महत्व

भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और उनका संबंध चंद्रमा से है। जन्माष्टमी का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इससे मन शांत रहता है, मानसिक तनाव कम होता है और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।

janmashtami 2025 ka muhurat

जिन दंपत्तियों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है, उनके लिए यह व्रत बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष में कृष्ण को संतान का कारक माना गया है। पूरी श्रद्धा के साथ यह व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

जन्माष्टमी का व्रत करने से कुंडली में मौजूद कई ग्रह दोष शांत होते हैं, खासकर उन ग्रहों के दोष जो व्यक्ति के सुख-शांति में बाधा डालते हैं। भगवान कृष्ण की पूजा करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

यह व्रत करने से व्यक्ति को धन और समृद्धि मिलती है। भगवान कृष्ण को प्रेम और संबंधों का देवता माना जाता है। यह व्रत रखने से प्रेम और वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और रिश्तों में मजबूती आती है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • जन्माष्टमी के दिन क्या दान करें?

    जन्माष्टमी के दिन, भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने और शुभ फल पाने के लिए अन्न, वस्त्र, माखन-मिश्री, फल, गौसेवा, और धार्मिक पुस्तकों का दान करना शुभ माना जाता है। 
  • जन्माष्टमी के दिन किस मंत्र का जाप करें?  

    जन्माष्टमी के दिन 'ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।' मंत्र का जाप करें।