Shattila Ekadashi 2025: षटतिला एकादशी के दिन तिल के तेल का दीया जलाने से क्या होता है?

षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और उन्हें तिल अर्पित किये जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के समक्ष तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए। 
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माघ माह के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी इस साल 25 जनवरी, दिन शनिवार को पड़ रही है। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और उन्हें तिल अर्पित किये जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के समक्ष तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए। इससे कई लाभ व्यक्ति को प्राप्त होते हैं। आइये जानते हैं इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

षटतिला एकादशी के दिन तिल के तेल का दीया जलाने के क्या लाभ हैं?

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि सफेद तिल सूर्य देव का प्रतिनिधित्व करते हैं और काले तिल शनिदेव का प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे में षटतिला एकादशी के दिन तिल के तेल का दीया जलाने से सूर्य और शनि की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है। व्यक्ति को दोनों ग्रहों की कृपा मिलती है।

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कुंडली में अगर शनि या सूर्य दोष के कारण जीवन में परेशानियां आ रही हैं तो वह दोष दूर होता है और समस्याओं में कमी आने लगती है। ऐसा माना जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल के तेल का दीया जलाने से साढ़े साती के दौरान मिलने वाला कष्ट धीर-धीरे समाप्त होता जाता है।

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सूर्य देव की कृपा से व्यक्ति को सफलता की प्राप्ति होती है। अगर किसी के जीवन में तरक्की रुक गई है और अनेकों प्रयासों के बाद भी तरक्की के मार्ग नहीं खुल रह हैं तो षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष सफेद तिल को घी में डालकर दीया जलाएं। कपूर के साथ भी जला सकते हैं।

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सफेद या काले तिल का दीया या फिर दोनों को मिलाकर कपूर के साथ दीया जलाने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का साथ में आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि स्थापित होने लगती है। घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और सकारात्मकता का संचार शीघ्रता से बढ़ने लगता है।

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षट्तिला एकादशी के दिन भगवाना विष्णु की पूजा के बाद एक मिट्टी का दीया लें। उसमें 5 कपूर और एक मुट्ठी सफेद एवं काले तिल मिलाकर डालें। फिर उपर से थोड़ा घी डालें और फिर दीया प्रज्वलित करें। ध्यान रहे कि भगवान विष्णु के समक्ष सुबह दीया जलाना के साथ ही संध्या में भी जलाएं।

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image credit: herzindagi

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