हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि, ऐश्वर्य, शांति और सौभाग्य की देवी माना जाता है। वरलक्ष्मी व्रत रखने से भक्त पर देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को अष्टलक्ष्मी धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, धैर्य लक्ष्मी, शौर्य लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और गज लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में खुशहाली आती है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति और परिवार की लंबी आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए रखा जाता है। अविवाहित कन्याएं भी अच्छे वर और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। अब ऐसे में जो महिलाएं वरलक्ष्मी व्रच रख रही हैं तो उन्हें पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
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वरलक्ष्मी व्रत की पूजा करने से धन और समृद्धि का आगमन हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जोमन से मां वरलक्ष्मी की पूजा करता है, उसे अष्टलक्ष्मी यानी धन, धान्य, संतान, आरोग्य, यश, सुख, शक्ति और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आपको बता दें, वरलक्ष्मी व्रत मुख्य रूप से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
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