सनातन धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना गया है। विभिन्न मुखी रुद्राक्ष अलग-अलग देवी-देवताओं और गुणों से संबंधित होते हैं, और उन्हें धारण करने से विशिष्ट लाभ प्राप्त होते हैं। इन्हीं में से एक है 13 मुखी रुद्राक्ष, जिसे भगवान इंद्र और कामदेव का स्वरूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष तेरह रत्नों और तेरह सिद्धियों का प्रतिनिधित्व करता है, और माना जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति को भौतिक सुख, प्रसिद्धि, भाग्य और विशेष रूप से कार्यक्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त होती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि और नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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13 मुखी रुद्राक्ष धन और समृद्धि को आकर्षित करता है. यह व्यापार में सफलता, नौकरी में तरक्की और आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में सहायक है। जिन लोगों को धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वे इसे धारण करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह रुद्राक्ष सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखता है. इसे धारण करने से व्यक्ति की अधूरी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उसे जीवन में संतुष्टि मिलती है।
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Image Credit- HerZindagi
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