
26 नवंबर 2025 का दिन जो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, एक विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व रखता है। इस दिन मुख्य रूप से सुब्रह्मण्य षष्ठी या स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है जो भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन इसलिए खास है क्योंकि यह बुधवार को पड़ रहा है और इस दिन वृद्धि योग, रवियोग और श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है जिससे यह दिन पूजा-पाठ, व्रत रखने और किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने के लिए अत्यंत मंगलकारी हो जाता है। साथ ही, चूंकि भगवान कार्तिकेय मंगल ग्रह के स्वामी हैं इसलिए यह दिन उन लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जिनकी कुंडली में मंगल दोष है क्योंकि भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से इस दोष से राहत मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी (सुबह 10:27 बजे तक)/सप्तमी | श्रवण (सुबह 07:44 बजे तक)/धनिष्ठा | बुधवार | वृद्धि (सुबह 11:39 बजे तक)/ध्रुव | कौलव/तैतिल |
| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:51 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:25 बजे |
| चंद्रोदय | सुबह 11:34 बजे |
| चंद्रास्त | रात 10:55 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:07 बजे से 05:59 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:46 बजे से 12:28 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:23 बजे से 05:50 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:00 बजे से 02:42 बजे तक |
| अमृत काल | रात 09:22 बजे से 10:55 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 12:08 बजे से 01:27 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 09:54 बजे से 11:13 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 07:16 बजे से 08:35 बजे तक |

26 नवंबर 2025 का दिन मुख्य रूप से सुब्रह्मण्य षष्ठी या स्कंद षष्ठी के पर्व के लिए समर्पित है, जो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कार्तिकेय को समर्पित है, जिन्हें स्कंद कुमार और मुरुगन भी कहा जाता है, और जिन्होंने इसी दिन तारकासुर का वध किया था। इस दिन भक्त भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं, जिससे उन्हें शारीरिक बल, तेज, बुद्धि, विजय की प्राप्ति होती है, और साथ ही संतान सुख की इच्छा रखने वालों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। दक्षिण भारत में इस पर्व का विशेष महत्व है और इसे अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
26 नवंबर 2025 का दिन, जो बुधवार और मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की स्कंद षष्ठी है, अत्यंत शुभ है। इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण उपाय यह है कि आपको भगवान कार्तिकेय की पूजा अवश्य करनी चाहिए; उन्हें लाल फूल और नैवेद्य अर्पित करने से विजय, शक्ति और संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, चूँकि यह बुधवार का दिन है, इसलिए बुध ग्रह को मजबूत करने और भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए गाय को हरा चारा या पालक खिलाएं, और भगवान गणेश को दूर्वा घास अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी बुद्धि तेज होती है, व्यापार और करियर में उन्नति मिलती है, और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
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