हनुमान चालीसा पढ़ते वक्त कुछ अक्षरों को गलत बोलते हैं लोग, आप न करें ये गलती

भक्तजन हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते वक्त कुछ शब्दों का गलत उच्चारण करते हैं। ऐसे में इन शब्दों के सही बोल के बारे में पता होना जरूरी है। जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
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कलयुग के देवता कहे जाने वाले हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त हैं। ऐसी मान्यता है कि ये कलयुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे। ऐसे में भक्तजन उन्हें प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। बता दें कि आज की युवा पीढ़ी मोबाइल से देख-देख कर हनुमान चालीसा का पाठ करती है। ऐसे में जानकारी की कमी के कारण वे कुछ गलत शब्दों का उच्चारण कर लेती है, जिससे सकारात्मक परिणामों की जगह नकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। ऐसे में भक्तों को सही शब्दों के बारे में पता होना जरूरी है। इस लेख में हम आपको हनुमान चालीसा के सही बोल के बारे में बता रहे हैं। जानते हैं आगे...

कौन-सी चौपाईयां बोलते हैं गलत?

गलत - शंकर सुवन केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥

सही - शंकर स्वयं केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥

अर्थ -'हे शंकर के पुत्र, हे केसरी के पुत्र, आपका तेज और प्रताप महान है और संसार आपकी वंदना करता है।'

(भक्त इस चौपाई में स्वयं की जगह सुवन बोलते हैं।)

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गलत - सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा

सही - सब पर राम राय सिरताजा
तिन के काज सकल तुम साजा

अर्थ -श्रीराम जी राजाओं में श्रेष्ठ हैं, उनके सभी कार्यों को आपने ही संपन्न किया है।

(भक्त इस चौपाई में तपस्वी राजा बोलते हैं जबकि राय सिरताजा सही शब्द है।)

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गलत - राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ।।

सही - राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सादर हो रघुपति के दासा ।।

अर्थ -हनुमान जी के पास भगवान राम की भक्ति का अद्भुत रसायन है और वे हमेशा भगवान राम के सेवक हैं।

(भक्त इस चौपाई में सदा रहो बोलते हैं जबकि सही शब्द सादर रहो है।)

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गलत - जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

सही - यह सत बार पाठ कर जोई
छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

अर्थ -जो व्यक्ति सत्य की प्राप्ति होने तक इस हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसके सभी बंधन और कष्ट दूर हो जाते हैं व उसे महान सुख प्राप्त होता है।

(इस चौपाई में भक्त यह सत को जो सत बोलते हैं, वहीं कोई की जगह जोई सही शब्द है।)

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Image Credit- Freepik

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FAQ

  • हनुमान चालीसा को कब नहीं पढ़ना चाहिए?

    हनुमान चालीसा को राहुकाल में नहीं पढ़ना चाहिए।
  • हनुमान चालीसा पढ़ते वक्त अपने हाथ में क्या रख लेना चाहिए?

    हनुमान चालीसा को पढ़ते वक्त अपने सीधे हाथ में चावल के कुछ दाने ले लें और फिर उसे हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने छोड़ दें।