हिंदू पौराणिक कथाओं में माता लक्ष्मी और गणेश को पूजनीय माना जाता है और उन्हें सफलता, धन और समृद्धि का दिव्य प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन देवताओं की तस्वीरों वाले चांदी के सिक्कों को अपने घर में रखना एक शुभ काम माना जाता है। दरअसल इसके बहुत से लाभ हैं और ये जीवन में सामंजस्य बनाए रखने का एक अच्छा तरीका माना जाता है। सदियों से अपने घरों में माता लक्ष्मी और गणेश जी की आकृति वाली छवि चांदी के सिक्कों में अंकित होती है और हम शुभ लाभ के लिए अपने घर की किसी शुभ जगह पर इसे स्थापित करते हैं।
जीवन में उनके लाभों को आकर्षित करने के लिए इसे घर में रखना एक पुरानी प्रथा है। हम सभी हिंदू देवताओं लक्ष्मी और गणेश के चांदी के सिक्कों को अपने घर में रखते हैं और कुछ विशेष अवसरों पर इसकी पूजा करते हैं, जिससे हमारे जीवन में खुशहाली बनी रहती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि घर पर माता लक्ष्मी और गणेश का चांदी का सिक्का क्यों रखा जाता है और इसका महत्व क्या है।
धन और समृद्धि की माता हैं देवी लक्ष्मी
देवी लक्ष्मी को समृद्धि, धन और प्रचुरता की देवी के रूप में पूजा जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वह समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में से एक हैं, इसी वजह से इनका पूजन आज भी घरों में श्रद्धा भाव से होता है। माता लक्ष्मी समुद्रमंथन के दौरान बाहर आईं थीं और उन्होंने भगवान विष्णु को पति के रूप में चुना था।
यदि आप घर पर माता लक्ष्मी की छवि से अंकित चांदी का सिक्का रखते हैं तो यह आपके घर पर समृद्धि, प्रचुरता और भाग्य लाने वाला माना जाता है। ये सिक्के हमें पुण्य से धन कमाने और हमें दिए गए उपहारों के लिए आभारी होने की याद दिलाते हैं क्योंकि वे ईश्वरीय कृपा का प्रतीक हैं।
भगवान गणेश का सिक्का घर की बाधाओं को दूर करता है
गजानन भगवान गणेश को हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम की शुरुआत के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजे जाते हैं। हिंदू धर्म में उनके ज्ञान, बुद्धि और अच्छाई का सम्मान किया जाता है। भगवान गणेश की छवि वाले चांदी के सिक्कों को घर के लिए बहुत शुभ माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि ये सिक्के आपके घर पर गणपति की दिव्य उपस्थिति का आह्वान करते हैं और हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त कराते हैं।
इन सिक्कों को संरक्षित करने का उद्देश्य जीवन की चुनौतियों पर काबू पाना और आर्थिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से सफल होना होता है। इसी वजह से आपको घर पर गणपति की छवि वाले चांदी के सिक्के को रखने की सलाह दी जाती है।
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घर पर चांदी के सिक्के रखने का मतलब
हिंदू परंपरा में, देवी लक्ष्मी-गणेश की छवि वाले चांदी के सिक्कों का बहुत बड़ा प्रतीकात्मक महत्व है। चांदी, जो अपनी स्वच्छता के लिए बेशकीमती धातु के रूप में जानी जाती है, वह दैवीय ऊर्जा का प्रतीक होती है। यही नहीं चांदी चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती है और रोशनी का प्रतीक मानी होती है। भक्त इन चांदी के सिक्कों को संरक्षित करके अपने जीवन में शुद्धता, आशावाद और शांति लाने की उम्मीद करते हैं। चांदी के सिक्के लोगों को धन प्रबंधन और अच्छे प्रबंधन के साथ अपने जुड़ाव के माध्यम से भौतिक सफलता को बढ़ावा देने और बनाए रखने के मूल्य की याद दिलाते हैं।
देवी लक्ष्मी-गणेश के चांदी के सिक्के रखने का कारण
हिंदू देवी लक्ष्मी-गणेश की छवि वाले चांदी के सिक्के पीढ़ी दर पीढ़ी सौंपने की प्रथा कई हिंदू घरों में आम मानी जाती है। इन सिक्कों का उपयोग पूर्वजों के आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करने और परिवार की निरंतर धन और सफलता की गारंटी के लिए किया जाता है। सिक्कों को अक्सर पारिवारिक विरासत के रूप में माना जाता है क्योंकि उनमें पिछली पीढ़ियों के आशीर्वाद होती हैं। यह प्रथा समुदाय और निरंतरता की भावना को बढ़ावा देकर विवेकपूर्ण वित्तीय नियोजन और प्रबंधन के मूल्य को मजबूत करती है।
इन सभी कारणों से माता लक्ष्मी और गणेश के चांदी के सिक्कों को आपके लिए बहुत उपयोगी माना जाता है और इन्हें शुभता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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