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जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण की यह आरती, जीवन में आएगी खुशियों की बौछार

जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व माना जाता है, जिसे पूरे देश में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त विशेष रूप से लड्डू गोपाल का श्रृंगार करते हैं, भोग लगाते हैं और मध्यरात्रि में कृष्ण जन्म के समय आरती करते हैं। अगर आप भी इस दिन यहां बताई कृष्ण जी की आरती को पूजन में शामिल करेंगी तो इसके विशेष लाभ होंगे।
Editorial
Updated:- 2025-08-14, 16:37 IST

भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न दिव्य स्वरूप हैं और प्रत्येक स्वरूप की पूजा-विधि व आराधना की पद्धति अलग होती है। विशेष रूप से, हर स्वरूप की अपनी विशिष्ट आरती होती है। इसी जगह से कृष्ण जी के कुंज बिहारी रूप की आरती अलग है, बांके बिहारी रूप की आरती भिन्न है, वहीं राधारमण रूप और मूल श्रीकृष्ण स्वरूप की आरतियां भी अपनी-अपनी विशेषता लिए होती हैं। इन आरतियों में भाव, भक्ति और स्तुति के अलग-अलग रंग होते हैं, जो भक्त को अपने आराध्य के और निकट ले जाते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स जी से जानते हैं कि जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की कौन सी आरती करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। 

भगवान श्री कृष्ण की आरती

krishna aarti karne ka kya mahatva hai

ॐ जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे, भक्तन के दुःख सारे पल में दूर करे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।।
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी, जय रस रास बिहारी जय जय गिरधारी। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।।
कर कंकन कोटि सोहत कानन में बाला, मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
दीन सुधामा तारे दरिद्रों के दुःख टारे, गज के फंद छुड़ाऐ भव सागर तारे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
हिरन्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे, पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
केशी कंस विदारे नल कूबर तारे, दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे, फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।
राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे, द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे। ॐ जय श्री कृष्ण हरे।

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कृष्ण आरती करने के नियम

 

  • भगवान श्री कृष्ण की आरती के दौरान उन्हें पीले वस्त्र धारण कराएं।पइपल रंग कृष्ण प्रिय है।
  • भगवान श्री कृष्ण के सामने एक ही स्थान पर खड़े होकर आरती करें। घूमघूमकर आरती नही होती है।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती से पहले राधे-राधे बोलें और आरती के बाद भी श्री राधा नाम उच्चारित करें।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती के समय राधा रानी का ध्यान करें और भोग भी राधा-कृष्ण को साथ में लगाएं।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती 8 के आकार में ही की जाती है क्योंकि उनका जन्म अष्टमी तिथि पर हुआ था।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती 14 बार घुमाएं। इससे आपकी भक्ति भगवान में समाहित चौदह भुवनों तक पहुंचती है।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती के दौरान पहले दीप जलाने के बाद जल अर्पित करें और इत्र सेवा भी करें।
  • भगवान श्री कृष्ण की आरती समापन के बाद उस आरती को घर में घुमाएं और फिर तुलसी के पास रखें।

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कृष्ण आरती करने के लाभ

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  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से मन शांत और स्थिर होता है। व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा, भक्ति और प्रेम की भावना बढ़ती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं और पुण्यों में वृद्धि होती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से सुख-समृद्धि, संपन्नता, सौभाग्य, धन-संपदा आदि का घर में आगमन होता है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से सभी प्रकार के संकटों, बुरी शक्तियों और बाधाओं से रक्षा मिलती है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से श्री राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है और युगल जोड़ी का आशीर्वाद मिलता है।
  • श्री कृष्ण की आरती रोजाना करने से घर में राधा-कृष्ण का वास स्थापित होता है और पारिवारिक क्लेश मिटता है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
श्री कृष्ण की आरती दिन में कितनी बार करनी चाहिए?
श्री कृष्ण की आरती दिन में 8 बार होती है लेकिन गृहस्थ लोगों को कम से कम 3 बार आरती करनी चाहिए। 
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