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Sawan Somwar Vrat Paran Muhurat 2025: सावन सोमवार व्रत का पारण करते समय ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो अधूरी रह जाएगी आपकी पूजा

Sawan Somwar Vrat Paran 2025: सावन सोमवार का व्रत रखते समय जितना आवश्यक नियमों का ध्यान रखना होता है उतना ही जरूरी है सावन सोमवार के व्रत का पारण करना क्योंकि तभी व्रत और पूजा का पूर्ण फल मिलता है।  
Updated:- 2025-07-21, 13:14 IST

सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी दिलाने में मदद करता है जबकि विवाहित महिलाएं इसे सुखी वैवाहिक जीवन और संतान सुख के लिए रखती हैं।

इस व्रत को रखने से व्यक्ति को आरोग्य, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं माना जाता है कि भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सावन सोमवार का व्रत रखते समय जितना आवश्यक नियमों का ध्यान रखना होता है उतना ही जरूरी है सावन सोमवार के व्रत का पारण करना क्योंकि तभी व्रत और पूजा का पूर्ण फल मिलता है। ऐसे में आइये जानते हैं सावन सोमवार व्रत का पारण कैसे, कब और किन नियमों के साथ करना चाहिए।

सावन सोमवार व्रत का पारण कब करें?

सावन सोमवार व्रत का पारण अगले दिन यानी मंगलवार को सूर्योदय के बाद करना चाहिए, जैसे कि सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है तो व्रत का पारण 22 जुलाई को करें। यूं तो सूर्योदय के बाद कभी भी आप व्रत पारण कर सकते हैं, लेकिन किसी विशेष मुहूर्त में आप व्रत खोलना चाहें तो अभिजीत मुहूर्त शुभ रहेगा।

sawan somwar vrat paran ka ky shubh samay hai

22 जुलाई, मंगलवार के दिन सावन सोमवार व्रत के पारण के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में व्रत पारण करने से व्रत का चौगुना फल मिलेगा और भगवान शिव की असीम कृपा भी होगी। हालांकि व्रत पारण के दौरान नियमों का भी ध्यान रखना जरूरी है।

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सावन सोमवार व्रत का पारण कैसे करें?

  • मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत पारण की समस्त सामग्री एक जगह एकत्रित कर लें।
  • व्रत का पारण करने से पहले, भगवान शिव और माता पार्वती की एक बार फिर से पूजा करें। शिवलिंग पर जल एवं दूध अर्पित करें।
  • बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत, फूल आदि अर्पित करें। धूप और दीप जलाएं। शिव चालीसा का पाठ करें या शिव मंत्र का जाप करें।
  • भगवान शिव की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं उनके समक्ष बोलें। पूजा में किसी भी प्रकार की कमी के लिए क्षमा मांगें।
  • पूजा के बाद जो भी फल, मिठाई या खीर आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाया हो, उसे सबसे पहले ग्रहण करें। यह व्रत खोलने का पहला चरण है।

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sawan somwar vrat paran ki kya vidhi hai

  • प्रसाद ग्रहण करने के बाद आप सात्विक भोजन कर सकते हैं। इसमें अनाज, दाल, सब्जियां शामिल हो सकती हैं।
  • किसी भी व्रत का पारण दान-पुण्य के बिना अपूर्ण माना जाता है। ऐसे में सावन सोमवार का व्रत पारण करने के बाद दान अवश्य करें।
  • किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र या धन का दान कर सकते हैं। गायों को चारा खिलाना भी शुभ माना जाता है।

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सावन सोमवार व्रत पारण के क्या नियम हैं?

सावन सोमवार व्रत का पारण करते हुए बस 2 ही नियमों का ध्यान रखना आवश्यक माना गया है जिसका उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। पहला नियम है कि सावन सोमवार का व्रत खोलते समय इस बात का ध्यान रखें कि बिना शिव जी की पूजा के सीधा कुछ खा क्र व्रत न खोलें। इससे व्रत खंडित हो जाता है और पूर्ण फल नहीं मिलता।

सावन सोमवार व्रत का पारण करने से जुड़ा दूसरा नियम है आहार। अक्सर लोग व्रत खोलते के बाद या तो अशुद्ध व्यंजाओं का सेवन करते हैं या फिर तामसिक आहार ग्रहण कर लेते हैं। कोशिश करनी चाहिए कि जिस दिन व्रत का पारण किया है उस दिन कम से कम सात्विक आहार ही लें। ऐसा करने से आपके व्रत का पुण्य बढ़ता है।

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Image credit: herzindagi 

FAQ
सावन सोमवार व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए? 
सावन सोमवार व्रत में अनाज, तामसिक भोजन, साधारण नमक, हल्दी और मसाले व बैंगन का सेवन करने से बचें।
सावन सोमवार व्रत के दौरान किस मंत्र का जाप करें?
सावन सोमवार व्रत के दौरान भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें।
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