हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों में से किसी एक की पूजा करते हैं, हालांकि विशेष रूप से इस दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है. मां महागौरी अपनी शांत और सौम्य प्रकृति के लिए जानी जाती हैं, और उनकी पूजा से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखने और मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है और उनकी आराधना से भक्तों को आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है। अब ऐसे में सावन मासिक दुर्गाष्टमी के दिन किस विधि से मां दुर्गा की पूजा करें और नियम क्या है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
सावन मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा के लिए सामग्री
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर
- लाल वस्त्र
- गंगाजल
- कलावा
- कुमकुम
- चंदन
- पुष्प
- दूर्वा और बेलपत्र
- फल
- मिठाई
- धूप और दीप
- अगरबत्ती
- कपूर
- घी
- पान के पत्ते और सुपारी
- नारियल
- कलश
- आम के पत्ते
- सप्तधान्य
- जौ या गेहूं
- शंख
- घंटी
- लाल चुनरी
- श्रृंगार सामग्री
सावन मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा विधि
- दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करें।
- पूजा का संकल्प लें। संकल्प लेते समय अपने गोत्र, नाम जरूर लें।
- घर के मंदिर या पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें। माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र रखें।
- यदि संभव हो तो एक कलश स्थापित करें। कलश में जल भरकर उसमें कुछ सिक्के, सुपारी, अक्षत, दुर्वा और आम के पत्ते डालें। कलश के ऊपर नारियल रखें और उसके गले में लाल कलावा बांधें।
- माँ दुर्गा का ध्यान करें और उन्हें अपनी पूजा स्वीकार करने के लिए आमंत्रित करें।
- माँ दुर्गा के विभिन्न मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा का पाठ करें और ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- पूजा के अंत में मां दुर्गा की आरती करें। आरती करते समय कपूर और घी का दीपक जलाएं।
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सावन मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा के नियम
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह रंग मां दुर्गा को अत्यंत प्रिय है।
- पूजा आरंभ करने से पहले हाथ में गंगाजल, चावल और फूल लेकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, मेहंदी आदि से सोलह श्रृंगार करें। लाल गुड़हल के फूल विशेष रूप से अर्पित करें। रोली और चावल से तिलक करें।
- दुर्गाष्टमी पर हवन करना बहुत शुभ माना जाता है। हवन सामग्री में घी, गुग्गुल, कपूर, चावल आदि डालकर दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से आहुति दें।
- इस दिन कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है। नौ कन्याओं को भोजन कराएं।
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Image Credit- HerZindagi
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