when is sakat chauth in

Sakat Chauth 2024: सकट चौथ पर क्यों की जाती है चांद की पूजा? जानें अर्घ्य का महत्व

Sakat Chauth 2024: हिंदू धर्म में सकट चतुर्थी का खास महत्व होता है। महिलाएं इस दिन अपने संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रख भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा करती हैं। आइए जानते हैं इसका महत्व है।
Editorial
Updated:- 2024-01-19, 19:54 IST

Sakat Chauth 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 29 जनवरी 2024, दिन सोमवार को पड़ रहा है। सकट चौथ को तिल कुटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, संकटी चौथ और माही चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में संकटी चौथ का खास महत्व है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा और उनकी लंबी आयु की कामना करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता अनुसार, सकट चौथ पर भगवान की पूजा करने का विधान है। इसके अलावा, व्रती महिलाएं इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी विधिवत पूजा करती हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं इस दिन चंद्रदेव की पूजा आखिर क्यों की जाती है और इसका क्या महत्व है।

क्यों की जाती है चंद्रमा की पूजा?

Sakat  chauth  Significance in hindi

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा को औषधियों का स्वामी और शीतलता का कारक माना जाता है। ऐसे में, महिलाएं सकट चौथ पर चंद्रदेव की पूजा कर संतान के दीर्घायु और निरोग रहने की कामना करती हैं। मान्यता है कि सकट चौथ पर चंद्रदेव को अर्घ्य देने से सौभाग्य प्राप्ति होती है। कहते हैं, इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन के नकारात्मक विचारों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सेहत के लिए भी फलदाई माना जाता है। यही कारण है कि सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।

इसे जरूर पढ़ें: अगर आपकी राशि मेष है तो भूलकर भी न करें इन रंगों का इस्तेमाल

सकट चौथ व्रत का महत्व (Sakat Chauth Vrat 2024 Significance)

Mistakes not to be made In Sakat Chauth

पौराणिक कथा के मुताबिक, सकट चौथ के दिन ही श्री गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा की थी। मान्यता है कि इस दिन रखा गया व्रत संतान के लिए पुण्यफलदायी होता है। व्रत के पुण्य प्रताप से संतान के जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। यही नहीं, इस दिन गणेश जी की पूजा और चंद्रदेव को विधि(संतान के लिए गणेश स्तोत्र का पाठ) अनुसार अर्घ्य देने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है। जीवन से हर तरह की नकारात्मकता, बीमरियां, तनाव आदि दू हो जाते हैं। निसंतान को भी संतान सुख प्राप्त होता है।

इसे जरूर पढ़ें: आपका जन्म रविवार के दिन हुआ है तो ये 5 रंग बदल सकते हैं आपकी किस्मत

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें- https://www.surveymonkey.com/r/Jagran_News_Media

Image Credit: Freepik, Unsplash

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;