कामाख्या देवी को क्यों चढ़ाया जाता है लाल गुड़हल, सिंदूर और नारियल? जानें धार्मिक कारण

मां कामाख्या देवी के मंदिर में पूजा अलग तरह से की जाती है। साथ ही, पूजा में कई सारी ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें चढ़ाने का महत्व अलग होता है। आर्टिकल में बताते हैं माता को क्या चढ़ाया जाता है।
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असम के गुवाहटी में मौजूद कामाख्या देवी मंदिर जिसे 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है। इस मंदिर में इन दिनों अंबुवाची मेला चल रहा है। इस मेले के दौरान 3 दिन के लिए माता की पूजा मंदिर में नहीं की जाती है। लेकिन इन दिनों को उत्सव की तरह मनाया जाता है। कई सारे लोग मंदिर में दर्शन के लिए भी इन दिनों का इंतजार करते हैं। अगर आप भी इस मंदिर में दर्शन के लिए कभी भी जाएं, तो माता को चढ़ाने के लिए कुछ खास चीजें हैं, जिन्हें आपको जरूर चढ़ाना चाहिए। आर्टिकल में बताते हैं किन चीजों को आप माता को चढ़ाएं।

कामाख्या देवी मंदिर में चढ़ाएं लाल गुड़हल का फूल

आप लाल गुड़हल के फूल को इस मंदिर में चढ़ाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस फूल का रंग गहरे लाल रंग का होता है। इसलिए इसे मासिक धर्म में निकलने वाले रक्त से जोड़ा जाता है। साथ ही, यह भी कहा जाता है कि माता को लाल रंग सबसे ज्यादा प्रिय है, इसलिए इस फूल को चढ़ाया जाता है। साथ ही, इसे प्रसाद के रूप में आपको दिया भी जाता है।

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कामाख्या देवी मंदिर में चढ़ाया जाता है सिंदूर

हिंदू धर्म में सिंदूर विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य, समृद्धि का प्रतिक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कामाख्या देवी स्वंय में आदि शक्ति का रूप है। ऐसे में कई सारी महिलाएं यहां पर सिंदूर चढ़ाती हैं, ताकि अपने पति की लंबी आयु की कामना कर सके। इसलिए सिंदूर को चढ़ाने के बाद महिलाएं इसे अपनी मांग से लगाते हैं।

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कामाख्या देवी मंदिर में चढ़ाया जाता है नारियल

नारियल जिसे श्रीफल भी कहते हैं। इसे त्रिदेव का प्रतिक भी माना जाता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार, जब भी हमारी कोई कामना पूरी हो जाती है, तो हम भगवान को एक भेट अर्पित करते हैं। पहले इसके लिए पशु की बली दी जाती थी। लेकिन अब नारियल से माता को भेट दी जाती है। इसे चढ़ाने से लोग अपने काम को पूर्ण समझते हैं। इसलिए इसे मंदिर में चढ़ाया जाता है।

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ऐसे ही आप कामाख्या देवी मंदिर में अलग-अल सामग्री को माता को चढ़ा सकते हैं। हर किसी का महत्व अलग होगा। आप भी अपने द्वारा चढ़ाई गई चीजों के महत्व को जरूर जानें।

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Image Credit- herzindagi, Freepik

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