Bhadrapada Shukra Prodosh 5 September 2025 : 5 सितंबर को है इस माह का पहला प्रदोष व्रत, दोष, कष्ट और पाप से मुक्ति पाने के लिए इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा

सितंबर 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियां, पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि जानें। जानिए कब-कब है शुक्र प्रदोष व्रत और कैसे इस व्रत से जीवन के दोष, कष्ट व पापों से मिल सकती है मुक्ति।
Pradosh Vrat List 2025
Pradosh Vrat List 2025

हिंदू धर्म में कई तीज-त्‍योहार होते हैं,मगरउनमें से कुछ व्रत बहुत ही महत्‍वपूर्ण होते हैं और महीने में 2 बार आते हैं। प्रदोष का व्रत भी उन्‍हीं में से एक है। हम हरमाह आपको बताते हैं कि इस बार प्रदोष व्रत कब-कब पड़ रहा है और इसे रखने की सही विधि क्‍या है। इस बार भी पंडित सौरभ त्रिपाठी हमें बताते हैं कि प्रदोष व्रत सितंबर माह में कब पड़ रहा है। वह कहते हैं, "इस बार दोनों ही व्रतशुक्रवार के दिन है। यह दिन देवी लक्ष्‍मी को समर्पित है। शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखने के साथ-साथ आपको कुछ और भी चीजें करनी चाहिए, ऐसा करने पर अपके जीवन से हरप्रकार के दोष, कष्‍ट और पाप मिट सकते हैं। "

सितंबर 2025 में प्रदोष व्रत की तिथियां एवं शुभ मुहूर्त

इस बार भाद्रपद माह की शुक्‍ल त्रयोदशी तिथि 5 सितंबर औरअश्विन माह की कृष्‍ण त्रयोदशी 18 सितंबर को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। दोनों ही शुक्रवार को पड़ रहा है।। पंडित जी दोनों प्रदोष व्रत के लिएपूजा का श्रेष्‍ठ मुहूर्त बताते हैं-

भद्रपद शुक्र प्रदोष व्रत क्या है?

प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। जब यह व्रत शुक्रवार के दिन पड़ता है, तो उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। भद्रपद मास में आने वाला शुक्र प्रदोष व्रत और भी खास होता है, क्योंकि यह मास धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से धन, सुख, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

भद्रपदशुक्र प्रदोष व्रत (First Shukra Pradosh)

  • तिथि - 5 सितंबर 2025
  • समय- प्रदोष सुबह 4:08 बजे से प्रारंभ होकर 6 सितंबर 2025, सुबह 3:12 बजे तक रहेगा।
  • पूजा का श्रेष्‍ठ समय - शाम 6:38 बजे से लेकर रात 8:55 बजे तक पूजा करने का सर्वोत्तम समय रहेगा।
  • महत्‍व- भद्रपद माह में शुक्रवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत आपको दांपत्‍य सुख के साथ-साथ भौतिक संपत्ति और सौभाग्‍य देकर जाता है।
Pradosh Vrat september 2025 date

अश्विनशुक्र प्रदोष व्रत (Second Shukra Pradosh)

  • तिथि- 18 सितंबर 2025
  • समय- प्रदोष रात 11:24 बजे से प्रारंभ होकर 19 सितंबर 2025, रात 11:36 बजे तक रहेगा।
  • पूजा का श्रेष्‍ठ समय- शाम 6:21 बजे से लेकर रात 8:43 बजे तक इस दिन आप पूजा करेंगी तो आपको सर्वोत्‍तम फल प्राप्‍त होगा।
  • महत्‍व-अश्विन माह में शुक्रवार को पड़ रहा प्रदोष व्रत आपके शत्रुओं को दूर करता है, पति की उम्र बढ़ाता है और वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है।

शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्‍या है ?

शुक्रवार के दिन पड़ रहे प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा आप विशेष विधि से कर सकती हैं-

  1. व्रत वाले दिन आपको स्‍नान जरूर करना चाहिए। अगर आपके पास नए और साफ वस्‍त्र हों तो आपको व्रत वाले दिनपहन लेना चाहिए।
  2. अब शिव पार्वती की प्रतिमा पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत आदि से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद धूप दीप आदि दिखाकर मंत्र जाप करना चाहिए।
  3. आप आज के दिन 108 बार शिव जी का जाप "ॐ नमः शिवाय" कर सकती हैं। हो सके तो आपको आज शिव जी को प्रसन्‍न करने के लिए रुद्राष्‍टक का पाठ करना चाहिए।
  4. आज आप किसी भी सफेद वस्‍तु का दान जरूर करें। इसमें आप खाने-पीन औरपहनने की चीजों का दान कर सकती हैं।
  5. आज के दिन आपफलाहार और निर्जला कैसा भी व्रत रख सकती हैं। इस बात काध्‍यान रखें कि अपना उपवास आपको प्रदोष काल में ही खोलना है।

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