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Paush Putrada Ekadashi Vrat Paran 2025: इस सुभ संयोग में होगा पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण, जानें सही समय और खास उपाय

Paush Putrada Ekadashi Vrat Paran Muhurat 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो दंपति संतान सुख से वंचित हैं या जिनकी संतान के जीवन में बाधाएं आ रही हैं उनके लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं है। 
Editorial
Updated:- 2025-12-30, 15:34 IST

पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एकादशी वर्ष में दो बार आती है जिसमें से पौष मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को संतान प्राप्ति और उनकी उन्नति के लिए विशेष फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो दंपति संतान सुख से वंचित हैं या जिनकी संतान के जीवन में बाधाएं आ रही हैं उनके लिए यह व्रत किसी वरदान से कम नहीं है। वर्ष 2025 की अंतिम एकादशी होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण है एकादशी का पारण। ऐसे में आइये जानते हैं कि पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण कब होगा? 

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण मुहूर्त (Paush Putrada Ekadashi Paran Muhurat 2025)

एकादशी तिथि का व्रत पान हमेशा द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है। पंचांग के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी तिथि का समापन 31 दिसंबर, बुधवार के दिन सुबह 5 बजे हो रहा है। इसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी। ऐसे में 31 दिसंबर को व्रत का पारण दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 33 मिनट के बीच होगा।  

paush putrada ekadashi 2025 ka vrat paran time

पौष पुत्रदा एकादशी 2025 शुभ संयोग 

इस बार पौष पुत्रदा एकादशी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं जो इस दिन की शक्ति को कई गुना बढ़ा देते हैं। पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत पारण वाले दिन यानी कि 31 दिसंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 7 बजकर 14 मिनट से हो रहा है और यह योग अगले दिन यानी कि 1 जनवरी 2026 को सुबह 7 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

इसके अलावा, पौष पुत्रदा एकादशी के वर्त पारण वाले दिन रवि योग का निर्माण भी हो रहा है। रवि योग को ज्योतिष में बहुत प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि इसमें सूर्य की ऊर्जा का विशेष प्रभाव होता है जो अशुभ दोषों और बाधाओं को नष्ट करने की शक्ति रखता है। इस योग में एकादशी का व्रत पारण करने से पूजा में उत्पन्न हुए छोटे-मोटे दोष दूर हो जाएंगे।

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पौष पुत्रदा एकादशी 2025 दान का समय 

पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारा करने के बाद जो दान किया जाता है वह हमेशा संध्याकाल के समय करना चाहिए क्योंकि द्वादशी तिथि पर संध्याकाल में किया गया दान घर में लक्ष्मी वास स्थापित करता है। ऐसे में द्वादशी तिथि यानी कि 31 दिसंबर को व्रत पारण के बाद का दान शाम 4 बजकर 12 मिनट से शाम 6 बजकर 31 मिनट के बीच का है। 

paush putrada ekadashi vrat paran time 2025

पौष पुत्रदा एकादशी 2025 विशेष उपाय 

व्रत के दौरान और पारण से पूर्व 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः' मंत्र का जाप करें। पारण के समय तुलसी पत्र और जल ग्रहण कर व्रत खोलना शुभ होता है। एकादशी का व्रत पारण करते समय भगवान विष्णु को दक्षिणावर्ती शंख से जल अर्पित करें और उन्हें मखाने की खीर या पीले फलों का भोग लगाएं।

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