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Nag Panchami 2024: आज रात 12 बजे खुलेंगे उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, जानें साल में एक बार दर्शन के पीछे क्या है रहस्य

नागपंचमी पर उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज यानी 8 अगस्त को रात 12 बजे खुलेंगे। तो चलिए साल में केवल एक बार खुलने वाले इस मंदिर से जुड़ी खास बातें जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-08-08, 13:16 IST

Nagchandreshwar Temple of Ujjain: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह खास पर्व 09 अगस्त को मनाई जाएगी। यह खास दिन भोलेनाथ के प्रिय नाग देवता की पूजा के लिए खास माना जाता है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सालभर में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के अवसर पर ही खुलते हैं। वह है- उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर, जिसके कपाट आज यानी 8 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजे खुलने वाले हैं। यहां पर नाग देवता की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, जो सदियों पुरानी है। तो चलिए हम आपको अब नागचंद्रेश्वर मंदिर और उसके रहस्यों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

नागचंद्रेश्वर मंदिर कब खुलेगा?

nag panchami special temple details

नागेचंद्रेश्वर हर साल नाग पंचमी के दिन खुलते हैं। इस साल यह मंदिर 08 अगस्त की रात 12 बजे खोले जाएंगे और यह 09 अगस्त की रात 12 बजे तक यानी कुल 24 घंटे मंदिर के कपाट खुले रहेंगे। इस दौरान ही भक्त नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन कर पाएंगे। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में दर्शन करता है, उसे सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। यही वजह है कि मंदिर के खुलने पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

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नागचंद्रेश्वर मंदिर का महत्व और रहस्य

Nag panchami special mandir

नागचंद्रेश्वर मंदिर, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर पर विराजमान है। इस मंदिर में नाग देवता की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। इसको लेकर कहा जाता है कि यह 11वीं शताब्दी की ही है। इस मंदिर में मौजूद नाग देवता की मूर्ति को लेकर यह भी कहा जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से भारत लाई गई थी। इस मंदिर में नाग देवता की मूर्ति फन फैलाए हुए मुद्रा में है और उनके ऊपर शिव-पार्वती विराजमान हैं। नागचंद्रेश्वर इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां विष्णु भगवान की जगह भगवान शिव सर्प शय्या पर सवार हैं। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर के पट पूरे साल में केवल एक दिन और सिर्फ 24 घंटे के लिए ही खोले जाते हैं। नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा करने का विधान है।

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Image credit- instagram (jabalpuram &karan_mer_official)

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