महेश नवमी भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल जून के महीने में मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से माहेश्वरी समुदाय द्वारा बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है जहां भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने माहेश्वरी समुदाय की उत्पत्ति की थी।
इसलिए, यह दिन माहेश्वरी समुदाय के लिए अपने आराध्य भगवान शिव के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है। हालांकि, यह भी शास्त्रों में वर्णित है कि महेश नवमी के दिन जो भी कोई व्यक्ति भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और शिव-शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं किस इस साल कब पड़ रही है महेश नवमी।
महेश नवमी 2025 कब है?
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 3 जून 2025, मंगलवार के दिन रात 9 बजकर 56 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 4 जून 2025, गुरुवार के दिन रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगा। चूंकि सनातन धर्म में कोई भी त्योहार उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है, इसलिए महेश नवमी का व्रत और पूजन 4 जून, बुधवार को ही किया जाएगा।
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महेश नवमी 2025 शुभ मुहूर्त
महेश नवमी के दिन यानी कि 4 जून को शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। ये दोनों योग पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इसके साथ ही, दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक शिववास योग रहेगा, जिसमें भगवान शिव कैलाश पर माता पार्वती के साथ विराजमान रहते हैं।
वहीं, महेश नवमी के दिन स्नान एवं दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, प्रातः सन्ध्या का समय सुबह 04 बजकर 22 मिनट से सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस मुहूर्त में भगवान का ध्यान करना शुभ होगा।
महेश नवमी के दिन पूजा के लिए 3 मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त सुबह 7 बजकर 24 मिनट से 9 बजकर 4 मिनट तक है। दूसरा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट है। तीसरा मुहूर्त शाम 5 बजकर 25 मिनट से रात 7 बजकर 5 मिनट तक है। तीनों मुहूर्त उत्तम हैं।
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महेश नवमी 2025 महत्व
महेश नवमी के दिन सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, यह पूजा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करती है।
महेश नवमी की पूजा जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने में भी सहायक मानी जाती है। माहेश्वरी समुदाय के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह उनके उद्भव से जुड़ा है, और इस दिन भगवान शिव की आराधना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सफलता के नए द्वार खुलते हैं।
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