
ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इस साल शनि जयंती 27 मई, मंगलवार के दिन पड़ रही है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष विधान है। शनि जयंती का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही ज्योतिष शास्त्र में भी विशेष स्थान मौजूद है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जयंती का दिन शनि देव को प्रसन्न करने और शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी कुंडली में शनि दोष से परेशान हैं या शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं तो शनि जयंती के दिन शनि दोष से मुक्ति के लिए उन 5 काली चीजों का दीपक जला सकते हैं जिनके बारे में हमें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया है।

शनि देव को सरसों का तेल अत्यंत प्रिय है। शनि जयंती के दिन किसी पीपल के पेड़ के नीचे या शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत ही प्रभावी माना जाता है। यह दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी अशुभ दृष्टि का प्रभाव कम होता है। सरसों का तेल शनि से संबंधित कष्टों को दूर करने में सहायक माना जाता है। यह दीपक घर में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है।
काले तिल का संबंध भी शनि देव से गहरा है। शनि जयंती पर काले तिल के तेल का दीपक जलाना भी बहुत लाभकारी होता है। यदि आपको सरसों का तेल उपलब्ध न हो या आप दोनों का मिश्रण करना चाहें, तो काले तिल के तेल का उपयोग कर सकते हैं। काले तिल का दीपक जलाने से शनि की साढ़ेसाती और
ढैय्या के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।

उड़द दाल भी शनि देव को अर्पित की जाती है। शनि जयंती के दिन उड़द दाल के आटे से एक दीपक बनाकर उसमें सरसों या काले तिल का तेल डालकर जलाना एक विशेष उपाय है। यह दीपक शनि देव को प्रसन्न करने का एक अनूठा तरीका है। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय करने से व्यक्ति के जीवन से बाधाएं दूर होती हैं और उसे कार्यों में सफलता मिलती है।
यदि आप किसी विशेष काली चीज़ का दीपक नहीं बना पा रहे हैं, तो आप सामान्य दीपक में सरसों या तिल का तेल डालकर उसकी बाती काले कपड़े से बना सकते हैं। काले रंग का कपड़ा शनि देव का प्रतिनिधित्व करता है। इस प्रकार का दीपक जलाना भी शनि दोष से मुक्ति पाने में सहायक होता है। यह उपाय सरल होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावी भी माना जाता है।
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पुराने समय में लोग दीपक जलाने के लिए काजल या कोयले की कालिख का उपयोग करते थे। शनि जयंती पर आप एक मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालकर उसमें थोड़ी सी काजल या कोयले की कालिख मिलाकर दीपक जला सकते हैं। यह उपाय शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक प्राचीन तरीका है। हालांकि, यह उपाय थोड़ा अधिक सावधानी से करना चाहिए।
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