
23 नवंबर 2025 का दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के कारण शुभ माना जाता है, इस दिन चन्द्रघंटा देवी की पूजा करने का विधान है जो सौभाग्य और सुख प्रदान करती हैं। यह दिन रविवार है, इसलिए इस दिन सूर्य देव की पूजा और उन्हें अर्घ्य देने से आरोग्य, तेज और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इस पूरे दिन मूल नक्षत्र का प्रभाव रहेगा और चंद्रमा धनु राशि में संचार करेंगे जिससे शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए अच्छा योग बन रहा है। इस दिन शाम 04:05 बजे से शाम 05:24 बजे तक राहुकाल रहेगा जिसे शुभ कार्य शुरू करने के लिए टालना चाहिए। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया (शाम 07:24 बजे)/चतुर्थी | मूल | रविवार | धृति | गर |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:49 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:24 बजे |
| चंद्रोदय | सुबह 08:59 बजे |
| चंद्रास्त | शाम 07:23 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:03 बजे से सुबह 05:56 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक |
| अमृत काल | दोपहर 12:21 बजे से दोपहर 02:07 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:22 बजे से शाम 05:49 बजे तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 01:53 बजे से दोपहर 02:36 बजे तक |
| निशिथ काल | रात 11:41 बजे से रात 12:35 बजे तक |
| सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 06:50 बजे से शाम 07:28 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | शाम 04:05 बजे से शाम 05:24 बजे तक |
| गुलिक काल | दोपहर 02:46 बजे से शाम 04:05 बजे तक |
| यमगंड | दोपहर 12:07 बजे से दोपहर 01:27 बजे तक |

23 नवंबर 2025 को मार्गशीर्ष (अगहन) माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है, इसलिए इस दिन का मुख्य त्यौहार या व्रत चन्द्रघंटा देवी (या गौरी) की पूजा से संबंधित होता है, जो सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए की जाती है। चूंकि यह दिन रविवार है, इसलिए धार्मिक रूप से इस दिन सूर्य देव का व्रत और उनकी विशेष पूजा का विधान है, जिससे आरोग्य और जीवन में तेज (ऊर्जा) की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस दिन कोई बड़ा राष्ट्रीय या क्षेत्रीय त्यौहार नहीं है, मुख्य रूप से यह दिन धार्मिक पूजा और उपवास के लिए महत्वपूर्ण है।
23 नवंबर 2025 को रविवार और मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया तिथि का संयोग बन रहा है, इसलिए इस दिन के मुख्य उपायों में सूर्य देव की आराधना शामिल है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य को जल (अर्घ्य) दें, जिसमें थोड़ा सा गुड़ और लाल फूल मिला हो, इससे मान-सम्मान, स्वास्थ्य और तेज में वृद्धि होती है। इसके अलावा, तृतीया तिथि होने के कारण देवी गौरी या माता की पूजा करें और उन्हें सिंदूर चढ़ाएँ, यह उपाय सौभाग्य और वैवाहिक सुख के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
इसे भी पढ़ें-
हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।