image

Jitiya Vrat Puja Vidhi 2024: जीतिया व्रत के दिन इस विधि से करें भगवान जीमूतवाहन की पूजा, जानें पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट

हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को जीतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा-अर्चना करने का विधान है। अब ऐसे में इस दिन किस विधि से भगवान जीमूतवाहन की पूजा करें। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2024-09-25, 11:36 IST

सनातन धर्म में जीतिया व्रत को बेहद महत्वपूर्ण व्रत माना गया है। इस दिन माताएं अपनी संतान की सलामती के लिए व्रत रखती हैं और विधिवत रूप से जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं। पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। आपको बता दें, इस साल जीतिया व्रत 25 सितंबर यानी कि आज है। अब ऐसे में जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन किस विधि से भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जीतिया व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा के लिए सामग्री क्या है?

jivitputrika_vrat_2022

जीतिया व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करने के लिए विस्तार से पढ़ें।

  • कुश से बने जीमूतवाहन की प्रतिमा
  • दुर्व
  • अक्षत
  • फल
  • गुड़
  • धूप
  • दीया
  • घी
  • श्रृंगार सामग्री
  • इलायची
  • पान
  • लौंग
  • सरसों का तेल
  • बांस के पत्ते
  • गाय का गोबर आदि

इसे जरूर पढ़ें - Jitiya Vrat 2024 Kab Hai: जीवित्पुत्रिका व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

जीतिया व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा कैसे करें?

जीतिया व्रत, विशेषकर महिलाओं द्वारा अपने बच्चों के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा का विशेष महत्व है।

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके गंगाजल से छिड़कें।
  • पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • भगवान जीमूतवाहन, चील और सियार की मूर्ति स्थापित करें।
  • पूजा की थाली में रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि रखें।
  • रोली, चंदन, अक्षत से तिलक लगाएं और फूल अर्पित करें।
  • धूप और दीप जलाकर भगवान का आशीर्वाद लें।
  • पूजा के दौरान भगवान जीमूतवाहन की कथा का पाठ करें।
  • नैवेद्य अर्पित करें और भगवान से अपने बच्चों के स्वस्थ जीवन की कामना करें।
  • पूजा के अंत में भगवान की आरती करें।
  • अगले दिन सुबह सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
  • जीतिया व्रत के दिन आंगन में पोखर बनाया जाता है और मिट्टी के साथ ही गोबर से लिपाई की जाती है।
  • इस दिन चील और सियारिन को भोजन खिलाने का भी विधान है।

यह विडियो भी देखें

जीतिया व्रत का महत्व क्या है?

puja_1645952029

जीतिया व्रत, विशेषकर महिलाओं द्वारा अपने बच्चों के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत संतान की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए किया जाता है। माताएं अपने बच्चों की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। जीतिया व्रत मातृत्व के पवित्र बंधन को दर्शाता है। माताएं अपने बच्चों के लिए हर संभव प्रयास करती हैं और उनकी खुशी और कल्याण के लिए व्रत रखती हैं।

इसे जरूर पढ़ें - Jitiya Vrat Stotra Path 2024: संतान की अच्छी सेहत के लिए जितिया व्रत के दिन करें इस स्तोत्र का पाठ

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

FAQ
जितिया का पारण में क्या खाना चाहिए?
जितिया व्रत के पारण में चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग खाने की परम्परा चली आ रही है। इसलिए आप भी इस सभी चीजों के द्वारा अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;