Himanchal pradesh Maa kunal patthari temple significance ()

इस स्थान पर गिरा था मां सती का कपाल, दर्शन मात्र से दूर होते हैं सभी रोग

शक्तिपीठ हिंदू धर्म में माता आदिशक्ति के उन पवित्र स्थानों को कहा जाता है जहां माता सती के शरीर के विभिन्न अंग गिरे थे। मान्यता है कि इन स्थानों पर माता की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Editorial
Updated:- 2024-09-12, 14:00 IST

शक्तिपीठ हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माने जाते हैं। इन स्थानों पर माता की उपासना करने से भक्तों को मोक्ष प्राप्त होता है। शक्तिपीठ आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र माने जाते हैं। यहां ध्यान करने से मन शांत होता है और आत्मज्ञान प्राप्त होता है। शक्तिपीठों की उत्पत्ति से जुड़ी कई कथाएं हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान शिव और माता सती से जुड़ी है। जब दक्ष प्रजापति ने सती का विवाह शिव से करने से इनकार कर दिया था, तब सती ने यज्ञकुंड में आत्मदाह कर लिया था। शिव ने क्रोधित होकर दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर दिया और सती के मृत शरीर को लेकर ब्रह्मांड में घूमने लगे।

शिव के विलाप पर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के अंगों को भिन्न कर दिया था।  जहां-जहां सती के शरीर के अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। भारत में 51 प्रमुख शक्तिपीठ माने जाते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि माता सती का कपाल किस स्थान पर गिरा था। 

इस स्थान पर गिरा था माता सती का कपाल 

   kunal pathri mata temple

ऐसा कहा जाता है कि मां सती का कपाल कांगड़ा के धौलाधार की पहाड़ियों पर स्थित कुनाल पत्थरी पर गिरा था। जिसे आज  कपालेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस मंदिर में आकर दर्शन और पूजन करता है। उसे सभी रोगों से छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती है। कहते हैं, कि अगर आपको कोई मनोकामना है, जो आप पूरी करना चाहते हैं, तो इस मंदिर में विधिवत रूप से माता की पूजा अवश्य करनी चाहिए। 

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कुनाल पत्थरी मंदिर का महत्व

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मां कुनाल पत्थरी मंदिर में माता के कपाल के ऊपर एक पत्थर हमेशा पानी से भरा रहता है। ऐसी मान्यता हैकि जब भी इस पत्थर पर पानी सूखने लगता है, तो यहां बारिश होने लगती है। यहां मा कभी भी पानी की कमी नहीं होने देती है। पत्थर में पानी को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। कहते हैं, कि जो व्यक्ति इस पानी को पी लेता है, उसे सभी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। 

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Image Credit- HerZindagi

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