
गोपाष्टमी का पर्व गायों, गोपियों और श्री राधा-कृष्ण को समर्पित बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन यह मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने पहली बार गाय चराना शुरू किया था इसलिए यह दिन गौ-माता के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का होता है। इस शुभ दिन पर गायों की पूजा, सेवा और दान करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है, घर में सुख-समृद्धि आती है और राधा कृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलाव, इस दिन गोपियों की पूजा का विधान है क्योंकि उनकी पूजा करने से व्यक्ति में प्रेम और समर्पण का भाव भगवान के प्रति बढ़ता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब मनाई जाएगी गोपाष्टमी, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व?
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर, बुधवार के दिन सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 30 अक्टूबर, गुरुवार के दिन सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गोपाष्टमी की पूजा 30 अक्टूबर को की जाएगी।
गोपाष्टमी के दिन श्री राधा कृष्ण की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:35 बजे से 07:57 बजे तक रहने वाला है। इस दौरान श्री राधा कृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति को भक्ति और आनंद की प्राप्ति होती है। साथ ही, वैवाहिक जीवन में प्रेम और माधुर्य बना रहता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्री राधा कृष्ण की असीम कृपा बनी रहती है।
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गोपाष्टमी के दिन गोपियों की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07:57 बजे से 08:25 बजे तक है। इस दौरान गोपियों की पूजा करने से श्री राधा कृष्ण के समीप आने और उनके प्रेम एवं आशीर्वाद का सानिध्य पाने का वरदान प्राप्त होता है। श्री राधा कृष्ण के प्रति व्यक्ति का समर्पण बढ़ता है और जीवन का कलह दूर होने लग जाता है।

गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:35 बजे से 10:06 बजे तक रहेगा। यानी जब तक तिथि उपलब्ध है। इस दौरान गौ माता की सेवा, पूजा एवं उनके लिए दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सौभाग्य की प्राप्ति होती है और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है। व्यक्ति के जीवन का हर दोष दूर हो जाता है।
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गोपाष्टमी के पावन दिन पर श्री राधा-कृष्ण, गौ माता और गोपियों की एक साथ पूजा करने से अद्भुत लाभ मिलते हैं। गौ माता की पूजा करने से जहां सभी पापों से मुक्ति मिलती है, वहीं भगवान श्री राधा कृष्ण की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली और ऐश्वर्य आता है। इसके अलावा, गोपियों का स्मरण और पूजा करने से राधा-कृष्ण के प्रति सच्ची भक्ति, निस्वार्थ प्रेम और समर्पण का भाव जागृत होता है।
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