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Pradosh Vrat Upay 2025: साल के आखिरी प्रदोष व्रत पर कर लें ये 3 काम, नए वर्ष में आने वाली बाधाएं होंगी दूर

मान्यता है कि साल के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन के समस्त कर्ज व मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
Editorial
Updated:- 2025-12-16, 16:10 IST

साल 2025 का आखिरी प्रदोष व्रत धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी है क्योंकि यह बुधवार के दिन पड़ रहा है जिससे यह 'बुध प्रदोष' बन जाता है। इस व्रत का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह पूरे वर्ष की पूजा और भक्ति का समापन होता है जो बीते हुए साल की बाधाओं को दूर करने और नए साल के लिए सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद पाने का अवसर प्रदान करता है। बुधवार को पड़ने के कारण यह व्रत ज्ञान, बुद्धि की प्राप्ति और व्यापार में सफलता के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन के समस्त कर्ज व मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साल के अंत में महादेव की शरण में जाने से भक्तों को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। इसी कड़ी में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि साल के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय करने से जीवन की परेशानियों का अंत हो सकता है और आने वाला नया साल सुख-सौभाग्य, संपन्नता और शांति से भरपूर हो सकता है। आइये जानते हैं इस बारे में।

साल 2025 के आखिरी प्रदोष व्रत के उपाय 

बुधवार को प्रदोष होने के कारण इस दिन हरे मूंग का उपाय बहुत प्रभावशाली माना जाता है। अगर आपके करियर में तरक्की रुकी हुई है या बुध ग्रह कमजोर है, तो सवा पाव हरी मूंग को भिगोकर उसमें थोड़ा गुड़ मिलाएं। शाम के समय इसे गाय को खिलाएं या शिव मंदिर में दान करें। इसके साथ ही शिवलिंग पर भी 21 दाने साबुत हरी मूंग के अर्पित करें। यह उपाय बुद्धि को तेज करता है और व्यापार में आ रही अड़चनों को दूर करता है।

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अगर आप पुराने कर्ज या आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो साल के इस अंतिम प्रदोष पर भगवान शिव का अभिषेक गन्ने के रस से करें। ज्योतिष के अनुसार, प्रदोष काल में गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से दरिद्रता का नाश होता है और लक्ष्मी का वास होता है। अभिषेक करते समय 'ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमः' मंत्र का मानसिक जाप करें। यह उपाय धन के नए रास्ते खोलने में मदद करता है।

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बुध प्रदोष के दिन भगवान शिव को शमी के पत्ते अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है। 11 या 21 शमी के पत्ते लें और उन पर शहद लगाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। शमी का संबंध शनि देव से भी है और गणेश जी को भी यह प्रिय है। यह उपाय घर से क्लेश मिटाता है और परिवार में सुख-शांति लेकर आता है। साल के अंत में यह उपाय करने से आने वाले पूरे वर्ष घर में बरकत बनी रहती है।

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अगर संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है या विवाह में देरी हो रही है, तो इस दिन तांबे के लोटे के बजाय चांदी या स्टील के लोटे में कच्चा दूध लें और उसमें थोड़ा केसर मिलाएं। इस दूध से महादेव का अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर सफेद चंदन का तिलक लगाएं। यह उपाय कुंडली के दोषों को शांत करता है और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने में सहायक माना जाता है।

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प्रदोष के दिन दीपदान का विशेष महत्व है। शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर और पास के किसी शिव मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं। मंदिर में दीपक जलाते समय उसमें दो काली मिर्च डाल दें। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, यह उपाय आपके जीवन से नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं के भय को खत्म करता है। साल के आखिरी प्रदोष पर यह दीपदान आपके जीवन के अंधकार को दूर कर नए साल के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।

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