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Dev Diwali Ganga Aarti 2025: देव दिवाली पर करें गंगा आरती, जानें इसके लाभ और महत्व

Dev Diwali Ganga Aarti 2025: देव दिवाली के दिन गंगा आरती का काफी महत्व होता है। इस दिन को कार्तिक पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन भगवान शिव की त्रिपुरासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा आरती का भी काफी महत्व है। इसलिए इस दिन विशेष रूप से गंगा आरती की जाती है।
Editorial
Updated:- 2025-11-05, 15:51 IST

Dev Diwali Ganga Aarti 2025: देव दिवाली जिसे कार्तिक पूर्णिमा भी कहते हैं। यह दिवाली से ठीक 15 दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसी खुशी में देवताओं ने धरती पर आकर दीप जलाए थे। इसलिए इस दिन देव दिवाली मनाई जाती है। इस दिन की रौनक सबसे ज्यादा गंगा घाट पर देखने को मिलती है। यहां पर लोग हजारों की संख्या में दीप जलाते हैं और गंगा आरती भी इस दिन खास तरीके से की जाती है। इसकी रौनक आपको हर गंगा घाट पर देखने को मिलेगी। साथ ही गंगा माता की आरती भी सुनने को मिलेगी। आप भी जानें गंगा आरती के समय कौन सी आरती की जाती है।  

गंगा मैय्या की आरती (Maa Ganga Aarti)

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥

चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥ पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुखदाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

एक ही बार जो तेरी, शरणागति आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

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आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।

देव दिवाली पर गंगा आरती का महत्व

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के शुभ अवसर पर सभी देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और स्वयं काशी के गंगा घाटों पर दीप जलाकर दिवाली मनाते हैं।
  • इस दिन गंगा आरती करने से सीधे देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • यह दिन भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के वध की खुशी में देवताओं के उत्सव का प्रतीक है। गंगा आरती करके भक्त भगवान शिव के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाते हैं।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और गंगा आरती करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन की गई प्रार्थनाएं और दीपदान हजारों यज्ञों के बराबर फल देते हैं।

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Image Credit- Freepik

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