
Dev Diwali Ganga Aarti 2025: देव दिवाली जिसे कार्तिक पूर्णिमा भी कहते हैं। यह दिवाली से ठीक 15 दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसी खुशी में देवताओं ने धरती पर आकर दीप जलाए थे। इसलिए इस दिन देव दिवाली मनाई जाती है। इस दिन की रौनक सबसे ज्यादा गंगा घाट पर देखने को मिलती है। यहां पर लोग हजारों की संख्या में दीप जलाते हैं और गंगा आरती भी इस दिन खास तरीके से की जाती है। इसकी रौनक आपको हर गंगा घाट पर देखने को मिलेगी। साथ ही गंगा माता की आरती भी सुनने को मिलेगी। आप भी जानें गंगा आरती के समय कौन सी आरती की जाती है।
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥ पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुखदाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
एक ही बार जो तेरी, शरणागति आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
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