हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन विधि विधान से शंकर जी की उपासना की जाती है, इस दौरान महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए उपवास भी रखती हैं। वहीं, इस साल फरवरी माह में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया है, क्योंकि यह शिव पार्वती के मिलन का महीना है। दरअसल, फरवरी माह में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, इसलिए भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्तों को कई अवसर प्राप्त हो रहे हैं। अब ऐसे में अगर आप फरवरी के पहले प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो शिवलिंग की परिक्रमा कच्चे सूत के साथ किस तरह करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
लाल रंग को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। जब आप लाल धागे के साथ शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं, तो यह आपकी ऊर्जा को जागृत करने और सकारात्मकता को आकर्षित करने में मदद करता है। लाल धागा आपके संकल्प को दर्शाता है। जब आप इसे शिवलिंग पर बांधते हैं, तो यह आपके संकल्प को पूरा करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, लाल धागा एक सुरक्षा कवच के रूप में भी काम करता है। यह नकारात्मक ऊर्जा से आपकी रक्षा करता है और आपको बुरी नजर से बचाता है।
इसे जरूर पढ़ें - भगवान शिव के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये संकेत
यह विडियो भी देखें
इसे जरूर पढ़ें - Bhagwan Shiv: आपके जीवन से जुड़ा है भगवान शिव के इन प्रतीकों का रहस्य
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।