Narak Chaturdashi 2023: कब है नरक चतुर्दशी 11 या 12 नवंबर? जानें क्या है इसका पौराणिक महत्व

दिवाली की शुभ शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका समापन भाई दूज के साथ होता है। पांच दिनों के इस त्यौहार में एक पर्व छोटी दिवाली भी है जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं।

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Chhoti Diwali Shubh Date: हिन्दू धर्म में दिवाली को पंचमहापर्व के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली की शुभ शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका समापन भाई दूज के साथ होता है।

पांच दिनों के इस त्यौहार में एक पर्व छोटी दिवाली भी है जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आए जानते हैं कि कब मनाई जाए गी इस साल छोटी दीपावली।

साथ ही, जानेंगे छोटी दिवाली के महत्व और शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी।

छोटी दिवाली 2023 तिथि (Chhoti Diwali 2023 Date)

  • छोटी दिवाली तिथि आरंभ: 11 नवंबर, दिन शनिवार, दोपहर 1 बजकर 52 मिनट
  • छोटी दिवाली तिथि समापन: 12 नवंबर, दिन रविवार (रविवार के उपाय), दोपहर 2 बजकर 44 मिनट
  • यूं तो हिन्दू धर्म में कोई भी त्यौहार उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है।
  • मगर दिवाली की पूजा रात में होती है। ऐसे में छोटी दिवाली 11 नवंबर की पड़ेगी।

छोटी दिवाली 2023 पूजा (Chhoti Diwali 2023 Puja)

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  • छोटी दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा नहीं होती है।
  • इस दिन श्री कृष्ण, मां काली और यमराज की पूजा का विधना है।
  • ऐसे में छोटी दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • फिर कृष्ण भगवान और मां काली के मंत्रों का जाप करें।
  • श्री कृष्ण और मां काली की स्तुति गाएं और चालीसा पाठ करें।
  • साथ ही, श्री कृष्ण और मां काली को पंचमेवे की खीर भी अर्पित करें।
  • फिर श्री कृष्ण और मां काली की आरती उतारें।
  • अंत में भोग को प्रसाद के रूप में वितरित कर ग्रहण करें।
  • इसके बाद शाम के समय यमराज को अर्पित करते हुए दीप जलाएं।
  • घर के 5 कोनों में 5 दीपक रखें। दीपक तिल के तेल से जलाएं।
  • सरसों के तेल का या घी का इस्तेमाल दीपक जलाने में न करें।
  • पांच दीपक नहीं जला सकते तो पांच बत्तियों वाला एक दीपक जलाएं।
  • इसके साथ ही छोटी दिवाली की पूजा संपन्न हो जाएगी।

छोटी दिवाली 2023 महत्व (Chhoti Diwali 2023 Mahatva)

  • मान्यता है कि छोटी दिवाली के दिन कृष्ण पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • वहीं, इस दिन मां काली की पूजा करने से भय नहीं सताता और शत्रु पराजित होते हैं।
  • इसके अलावा, यमराज के निमित्त दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

आप भी यहां इस लेख के माध्यम से छोटी दिवाली से जुड़ी समस्त जानकारी जैसे कि तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा और महत्व आदि के बारे में विस्तार से जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik

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