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Chhath Puja Nahay Khay Muhurat 2025: कब शुरू होगा नहाय खाय? जानें सही तिथि एवं शुभ मुहूर्त

Chhath Puja Nahay Khay Muhurat 2025: छठ पूजा का पर्व मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, आरोग्य और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस व्रत में उगते और डूबते दोनों सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जिससे हमें स्वास्थ्य और शक्ति मिलती है और छठी मैया भक्तों के सभी कष्टों को हर लेती हैं।  
Editorial
Updated:- 2025-10-24, 15:42 IST

छठ पूजा का महत्व बहुत गहरा है क्योंकि यह सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का सबसे बड़ा पर्व है जो शुद्धता, अनुशासन और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने पर केंद्रित है। यह पर्व मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, आरोग्य और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस व्रत में उगते और डूबते दोनों सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जिसके पीछे मान्यता है कि सूर्य की जीवनदायिनी ऊर्जा हमें स्वास्थ्य और शक्ति देती है और छठी मैया भक्तों के सभी कष्टों को हर लेती हैं। कठोर नियमों जैसे 36 घंटे का निर्जला व्रत और सामूहिक रूप से नदी या घाट पर पूजा करने की परंपरा के कारण, छठ पूजा किसी धार्मिक अनुष्ठान का महापर्व है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है छठ पूजा और क्या है नहाय खाय, खरना और सूर्योपसना का शुभ मुहूर्त।

छठ पूजा 2025 कब है? (Chhath Puja Kab Hai 2025)

छठ पूजा दिवाली के ठीक बाद, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक मनाई जाती है। इस साल छठ पूजा का चार दिवसीय महापर्व 25 अक्टूबर, शनिवार के दिन से शुरू होगा और 28 अक्टूबर, मंगलवार के दिन पर समाप्त होगा।

रीति-रिवाज का नाम हिंदी तिथि अंग्रेजी तिथि दिन/वार
 नहाय-खाय  कार्तिक शुक्ल चतुर्थी  25 अक्टूबर  शनिवार
 खरना  कार्तिक शुक्ल पंचमी   26 अक्टूबर  रविवार
 संध्या अर्घ्य  कार्तिक शुक्ल षष्ठी  27 अक्टूबर   सोमवार
 उषा अर्घ्य व्रत पारण  कार्तिक शुक्ल सप्तमी  28 अक्टूबर  मंगलवार

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छठ पूजा 2025 नहाय खाय का शुभ मुहूर्त (Chhath Puja Nahay Khay Shubh Muhurat)

छठ पूजा का पहला दिन 'नहाय-खाय' होता है, जो 25 अक्टूबर 2025, शनिवार को है। 'नहाय-खाय' का अर्थ है 'स्नान करना और फिर भोजन ग्रहण करना'। इस दिन व्रती पवित्र नदी या घर पर स्नान करने के बाद नए और स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं। इसके बाद केवल एक बार सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें मुख्य रूप से कद्दू-भात (लौकी और चावल) और चने की दाल शामिल होती है।

  • सूर्योदय का समय: सुबह 06 बजकर 28 मिनट
  • सूर्यास्त का समय: शाम 05 बजकर 42 मिनट
  • नहाय का शुभ मुहूर्त: सुबह 6 बजकर 30 मिनट से सुबह 6 बजकर 50 मिनट
  • खाय का शुभ मुहूर्त: दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से दोपहर 2 बजकर 32 मिनट

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छठ पूजा 2025 खरना का शुभ मुहूर्त (Chhath Puja Kharna Muhurat)

छठ पूजा का दूसरा दिन 'खरना' या 'लोहंडा' कहलाता है, जो 26 अक्टूबर 2025, रविवार को है। इस दिन व्रती सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखते हैं। शाम को सूर्य अस्त होने के बाद, गुड़ और चावल की खीर या पूड़ी का प्रसाद बनाकर छठी मैया और सूर्य देव को भोग लगाया जाता है। व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करके अपना दिनभर का व्रत खोलते हैं। खरना के प्रसाद को ग्रहण करने के बाद ही व्रती का 36 घंटे का लंबा और कठिन निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

  • सूर्योदय का समय: सुबह 06 बजकर 29 मिनट
  • सूर्यास्त का समय: शाम 05 बजकर 41 मिनट
  • खरना का शुभ मुहूर्त: शाम 5 बजकर 42 मिनट से शाम 6 बजकर 25 मिनट

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छठ पूजा 2025 सूर्य उपासना का शुभ मुहूर्त

छठ पूजा में सूर्य उपासना मुख्य रूप से दो दिन की जाती है, जिसे 'संध्या अर्घ्य' यानी डूबते सूर्य की पूजा और 'उषा अर्घ्य' यानी उगते सूर्य की पूजा कहा जाता है। इन दोनों ही समय पर सूर्य की पूजा से कांतिमय जीवन मिलता है, आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है, व्यक्ति को बीमारी से छुटकारा मिल जाता है और भाग्य का साथ मिलने लगता है। व्यक्ति के जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख-सौभाग्य में वृध्दि होने अलग जाती है।

  • संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट, 27 अक्टूबर 2025
  • उषा अर्घ्य का शुभ मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 30 मिनट, 28 अक्टूबर 2025
  • व्रत पारण का शुभ मुहूर्त: सुबह 6 बजकर 30 मिनट से सुबह 11 बजकर 14 मिनट

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छठ पूजा 2025 महत्व

यह व्रत मुख्य रूप से संतान की कुशलता, लंबी उम्र और उनकी प्रगति के लिए रखा जाता है। छठी मैया को संतान की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। सूर्य देव को आरोग्य का देवता माना जाता है। कठोर उपवास, उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देना और शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करना शरीर को निरोगी बनाता है और कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है।

यह माना जाता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा और शुद्धता से इस व्रत को करता है, छठी मैया और सूर्य देव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, और जीवन में सुख-शांति तथा धन-समृद्धि आती है। चार दिनों के कठिन व्रत, उपवास और शुद्धता के नियमों का पालन करने से शरीर और मन दोनों पवित्र हो जाते हैं। यह व्रत आत्म-अनुशासन और संयम का अद्भुत उदाहरण है।

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FAQ
छठ पूजा के दिन क्या दान करें?
छठ पूजा के दिन गेहूं, गुड़ और लाल कपड़े का दान करना चाहिए। 
छठ पूजा के दिन किसकी पूजा होती है? 
छठ पूजा के दिन छठी माता और सूर्य देव की पूजा का विधान है। 
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