हिन्दू धर्म में कई तुलसी और रुद्राक्ष माला का महत्व होता है। मन को शांत रखने और जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए हम कई उपाय करते हैं। वहीं हम गले में रुद्राक्ष या तुलसी की माला पहनते हैं। हालांकि कुछ लोग इसके ब्रेसलेट भी बनवाकर गले में पहनते हैं।
इन दोनों ही माला को गले में धारण करने के अनेक फायदे होते हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि इन दोनों को एक साथ में नहीं पहनना चाहिए। तो आइये जानते हैं क्या तुलसी की माला और रुद्राक्ष को एक साथ में पहनना चाहिए या नहीं?
तुलसी की माला और रुद्राक्ष को क्यों पहना जाता है?
तुलसी की माला और रुद्राक्ष को हिन्दू धर्म में महत्त्व अधिक होता है। तुलसी के पौधे की पूजा भी की जाती है। वहीं तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है। रुद्राक्ष की माला पहनने से मन को शान्ति मिलती है। इन दोनों को पहनने के कई नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है। मानसिक तनाव से लेकर जीवन में सुख-समृद्धि को बनाए रखने के लिए तुलसी की माला और रुद्राक्ष को धारण करना शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष आपके शरीर में सकरात्मक उर्जा को बरकरार रखने में भी मदद करता है।
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क्या है एक्सपर्ट की राय?
सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, भगवान शिव का एक रूप होता है, जिसे हरिहर के नाम से जाना जाता है। इस रूप में भगवान नारायण और भगवान शिव दोनों हीविराजमान होते हैं। कहा जाता है कि हरिहर में इनकी छवि नजर आती है।
हरिहर रूप के आधार पर आप तुलसी की माला और रुद्राक्ष को एक साथ में पहन सकते हैं। इसमें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है।
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