क्या भगवद गीता गिफ्ट में दे सकते हैं? जानें पंडित जी से

गिफ्ट में भगवान की मूर्ति से लेकर पवित्र और पौराणिक ग्रंथ देने का चलन खूब बढ़ गया है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि क्या भगवद गीता गिफ्ट में देनी चाहिए? अगर नहीं, तो आइए इस बारे में यहां पंडित जी से जानते हैं।
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भारतीय संस्कृति में धार्मिक ग्रंथों का स्थान अत्यंत पवित्र और ऊंचा माना गया है। इन्हीं ग्रंथों में से एक भगवद गीता भी है। यह सिर्फ एक पुस्तक नहीं, बल्कि इसे जीवन का मार्गदर्शक और धर्म के गूढ़ ज्ञान का स्रोत माना जाता है। ऐसे में कुछ लोग मानते हैं कि धार्मिक ग्रंथ को खुद खरीदना चाहिए और इन्हें बिना मांगे नहीं देना चाहिए। वहीं, कुछ विद्वान ऐसा मानते हैं कि इसे गिफ्ट में देना पुण्य का काम माना जाता है।

शादी या पार्टी में जब भी गिफ्ट देने की बात आती है, तब कंफ्यूजन होना जायज है। हम अक्सर ही सोचते रहते हैं कि दोस्तों और परिवार के लोगों को गिफ्ट में क्या देना चाहिए। ऐसे में जब कुछ समझ नहीं आता है तो हम भगवद गीता गिफ्ट कर देते हैं। लेकिन, क्या भगवद गीता गिफ्ट में देना सही होता है। आइए, इस बारे में यहां पंडित और ज्योतिष राधे श्याम मिश्रा से जानते हैं।

क्या भगवद गीता गिफ्ट में देनी चाहिए?

पंडित जी के मुताबिक, भगवद गीता गिफ्ट में देना शुभ और पुण्यकारी माना जाता है। यह सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीना भी सिखाता है। साथ ही यह ज्योतिषीय और आध्यात्मिक नजर से भी शुभ माना जाता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

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भगवद गीता के श्लोक को पढ़ने और सुनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इसे पढ़ने और सुनने वाले व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। जब आप इसे किसी को गिफ्ट में देते हैं, तो आप उसके जीवन में सकारात्मकता लाते हैं।

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बुद्धि और विवेक में बढ़ोतरी

भगवद गीता हमें सही और गलत के बीच का अंतर बताती है। साथ ही हमें जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता देती है। ऐसे में अगर आप किसी को यह तोहफे में देती हैं तो आप देने वाले की बुद्धि और विवेक में बढ़ोतरी की प्रार्थना करती हैं।

कर्मों का फल

ज्योतिष शास्त्र में दान और तोहफा देने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप किसी को धर्म से जुड़ी चीजें देते हैं या दान करते हैं, तो आपके पुण्य कर्म बढ़ते हैं। वहीं, अगर भगवद गीता तोहफे में देते हैं तो आपको और तोहफा पाने वाले दोनों को लाभ मिलता है।

मानसिक शांति और तनाव मुक्त जीवन

आज का समय ऐसा है जहां हर कोई अपनी-अपनी परेशानियों में डूबा है। ऐसे में अगर आप किसी को भगवद गीता देते हैं और वह उसे पढ़ता है या सुनता है तो उसे मानसिक शांति मिलती है। साथ ही तनाव मुक्त जीवन जीने की सीख भी मिलती है।

किस अवसर पर देनी चाहिए भगवद गीता?

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भगवद गीता तोहफे के रूप में जन्मदिन, विवाह, गृह प्रवेश, प्रमोशन जैसे अवसरों पर दी जा सकती है। इसके अलावा किसी भी धार्मिक या आध्यात्मिक कार्यमक्रम, नया व्यापार शुरू करने पर या बच्चों को कॉलेज या किसी नई शुरूआत से पहले दिया जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति किसी परेशानी में है या जीवन में दिशा की तलाश कर रहा है तो उसे भगवद गीता देना सबसे बेहतर तोहफा हो सकता है।

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भगवद गीता देने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

  • भगवद गीता देने से पहले स्वच्छता का जरूर ध्यान रखें।
  • आप जिसे भी भगवद गीता दे रहे हैं, तो उसे इसका महत्व भी समझाएं।
  • अच्छी गुणवत्ता वाली गीता ही तोहफे के रूप में दें, जिसमें श्लोकों को संक्षेप रूप से समझाया गया हो।

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Image Credit: Herzindag Shutterstock

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