भगवान विष्णु को पितरों का देवता माना जाता है। इसलिए पितृपक्ष के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का बहुत महत्व माना गया है। वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि पितृपक्ष के दौरान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से 10 बड़े लाभ मिलते हैं और साथ ही, अगर पितृपक्ष के दिनों में किसी भी एक दिन रात के समय में हमारे एक्सपर्ट द्वारा बताया गया अचूक उपाय कर लिया तो उससे आपको पैसों की तंगी से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
पितृपक्ष में भगवान विष्णु की पूजा के लाभ
पितृपक्ष में भगवान विष्णु की पूजा करने से कई लाभ मिलते हैं जिनसे आपके जीवन की परेशानियां दूर हो सकती हैं:
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- पितरों को मोक्ष: पितृपक्ष में भगवान विष्णु की पूजा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।
- अकाल मृत्यु से मुक्ति: भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता।
- सुख-समृद्धि: भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
- शांति और सद्भाव: पितृपक्ष में विष्णु पूजा से परिवार में शांति और आपसी सद्भाव बना रहता है।
- शादी में आ रही बाधाएं दूर: अविवाहित लोगों के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
- रोगों से मुक्ति: इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा से व्यक्ति को रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- नौकरी और व्यापार में सफलता: नौकरी और व्यापार में तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं और सफलता मिलती है।
- भटकती आत्माओं को शांति: यदि किसी पूर्वज की आत्मा भटक रही हो, तो भगवान विष्णु की पूजा से उसे शांति मिलती है।
- पापों से मुक्ति: इस पूजा से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति का मन शुद्ध होता है।
- पुण्य की प्राप्ति: पितृपक्ष में विष्णु पूजा करने से व्यक्ति को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है, जो कई जन्मों तक उसके साथ रहता है।
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पितृपक्ष में रात के समय का अचूक उपाय
पितृपक्ष में रात के समय पीपल के पेड़ की सूखी लकड़ी का दीया जलाना बहुत शुभ माना जाता है, अगर इसे तरीके से किया जाए:
- सबसे पहले, पीपल के पेड़ की एक सूखी लकड़ी ढूंढें। यह लकड़ी साफ-सुथरी और बिना किसी कीड़े-मकोड़े के होनी चाहिए।
- इसके अलावा, दीया जलाने के लिए सरसों का तेल या तिल का तेल और एक सूती बाती का इस्तेमाल करें।
- यह दीया रात के समय, विशेषकर सूर्यास्त के बाद जलाना चाहिए। इसे पीपल के पेड़ के पास जलाना ज्यादा प्रभावकारी रहेगा।
- दीया जलाने से पहले हाथ में थोड़ा पानी लेकर संकल्प लें। भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनसे अपनी इच्छा पूरी करने की प्रार्थना करें।
- दीया जलाते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना शुभ होता है। दीया जलाते समय अपने पितरों का स्मरण करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। उनसे घर में सुख-शांति बनाए रखने का आशीर्वाद मांगें।
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रात के समय के अचूक उपाय के लाभ
पितृपक्ष के दौरान रात के समय तुलसी की सूखी लकड़ी का दीया जलाने से आपको इसका प्रभाव दिखने लग जाएगा और लाभ की प्राप्ति होगी:
![pitru paksha mein bhagwan vishnu ki puja ka mahatva]()
- ऐसी मान्यता है कि रात के समय भगवान विष्णु के निमित्त पीपल के पेड़ की सूखी लकड़ी का दीया जलाने से घर में आर्थिक समृद्धि आती है।
- साथ ही, धन-धान्य की कमी नहीं होती। इस उपाय से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
- व्यापार में तरक्की और नौकरी में उन्नति के लिए यह उपाय बहुत लाभकारी माना जाता है। व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जागता है।
- यह दीया जलाने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और पितरों की कृपा से धन आगमन के नए रास्ते खुलते हैं।
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